पोप फ्रांसिस (88) को ‘ब्रोंकाइटिस’ की समस्या के बाद 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था और मंगलवार को चिकित्सकों ने उनके दोनों फेफड़ों में निमोनिया का निदान किया।
चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि फ्रांसिस के सामने मुख्य खतरा टसेप्सिसट की शुरुआत होना होगा, जो रक्त का एक गंभीर संक्रमण है। पोप की मेडिकल टीम ने कहा कि शुक्रवार तक किसी भी तरह के सेप्सिस का कोई संकेत नहीं मिला तथा विभिन्न दवाओं के सेवन का फ्रांसिस पर असर हो रहा है।
फ्रांसिस के कुछ कार्डिनल्स ने गुरुवार को इस सवाल पर प्रतिक्रिया देना प्रारंभ किया था कि अगर फ्रांसिस गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं और पद पर बने रहने में असमर्थ हो जाते हैं तो क्या वे इस्तीफा दे सकते हैं। पोप बेनेडिक्टXVI द्वारा पोप के सेवानिवृत्त होने की पहल शुरू करने बाद फ्रांसिस ने कहा था कि वे सेवानिवृत्त होने पर विचार करेंगे।
पिछले 600 वर्षों में बेनेडिक्ट सेवानिवृत्त होने वाले पहले पोप बने थे, उन्होंने 2013 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। फ्रांसिस 2023 में निमोनिया से गंभीर रूप से पीड़ित हुए थे और उन्हें सर्दियों में श्वसन संक्रमण होने का खतरा रहता है।