भारतवंशी काश पटेल को एफबीआई के डायरेक्टर बनाए जाने के बाद एक और अहम जिम्मेदारी मिल रही है। बता दें कि, काश पटेल जल्द ही एटीएफ (अल्कोहल, टोबैको, फायरआर्म्स एंड एक्सप्लोसिव्स) के कार्यवाहक प्रमुख भी बनेंगे।
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- एफबीआई: अमेरिका की सबसे बड़ी जांच एजेंसी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों की देखरेख करती है।
- एटीएफ: बंदूक, विस्फोटक और आगजनी से जुड़े मामलों की जांच करने वाली एजेंसी। यह हथियारों की बिक्री पर लाइसेंस देने और अपराध में इस्तेमाल हथियारों की पहचान करने का काम करती है।
काश पटेल की नियुक्ति पर विवाद
काश पटेल को शुक्रवार को एफबीआई डायरेक्टर पद की शपथ दिलाई गई थी। उनकी नियुक्ति पर डेमोक्रेटिक सांसदों ने सवाल उठाए थे क्योंकि वह पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी माने जाते हैं और एफबीआई में बड़े बदलाव कर सकते हैं। इस खबर से पहले अटॉर्नी जनरल पैम बॉन्डी ने एटीएफ की मुख्य वकील पामेला हिक्स को बर्खास्त कर दिया था। पैम बॉन्डी का कहना था कि एटीएफ बंदूक रखने वालों को निशाना बना रहा है।
बंदूक नियंत्रण पर अमेरिका में बहस
रूढ़िवादी नेता एटीएफ को बंद करने की मांग करते रहे हैं। वहीं बाइडन प्रशासन ने असेंबल किए जाने वाले बिना सीरियल नंबर वाले हथियार और बिना लाइसेंस के बंदूक बेचने वालों पर सख्ती बढ़ाई थी। वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कार्यकारी आदेश जारी कर बाइडन सरकार की बंदूक नीतियों की समीक्षा करने को कहा है। इस फैसले पर बंदूक सुरक्षा संगठनों और गन राइट्स समर्थकों में मतभेद हैं। गन कंट्रोल ग्रुप ‘ब्रैडी’ ने काश पटेल को ‘गन राइट्स एक्सट्रीमिस्ट’ कहा, जबकि ‘गन ओनर्स ऑफ अमेरिका’ ने इसे संविधान और बंदूक मालिकों के लिए जीत बताया है।