ज्योतिषीय गणना के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या के दिन चंद्र देव राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन चंद्र देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं, और इनकी आराधना भगवान शिव से जुड़ी हुई है। भगवान शिव की पूजा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। यह उत्सव हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है, और इच्छित फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखा जाता है। शिवरात्रि के दिन व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
महाशिवरात्रि का दिन कई राशियों के जातकों के लिए शुभ साबित होगा। इस दिन भगवान शिव की कृपा से कई जातकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। महादेव की आशीर्वाद से सभी बाधाएं दूर होंगी और जीवन में नई शुरुआत होगी। इसके साथ ही, मानसिक तनाव से भी राहत मिलेगी। आइए, इस पर्व के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें।
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए यह समय अत्यंत शुभ साबित होने वाला है। आपकी प्रेम जीवन में चल रही समस्याएं दूर होती नज़र आ रही है। नौकरी में आपकी मेहनत और प्रयासों का फल मिलेगा। समाज, परिवार और दोस्तों में आपका प्रभाव बढ़ेगा। यदि आप रोजगार की तलाश में हैं, तो आपको खुशखबरी मिल सकती है। नौकरी में पदोन्नति के लिए आपका चयन हो सकता है। व्यापार से जुड़े लोगों को भी अच्छा लाभ मिलने की संभावना है।
धनु राशि
महाशिवरात्रि के दिन धनु राशि के जातकों पर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसने वाली है। उनकी कृपा से कर्क राशि के जातकों को बड़ी खुशखबरी मिलेगी और मानसिक तनाव से राहत मिलेगी। उन्हें अपने पार्टनर से प्रेम मिलेगा, और जीवन में उपस्थित सभी प्रकार के दुख और संकट समाप्त हो जाएंगे। धार्मिक यात्रा के अवसर भी बनेंगे, और महाकुंभ में स्नान का सौभाग्य प्राप्त होगा। कारोबार में भी तेजी देखने को मिलेगी। भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गाय के कच्चे दूध से महादेव का अभिषेक करें।
मीन राशि
महाशिवरात्रि के दिन मीन राशि के जातकों पर भगवान शिव की विशेष कृपा बरसने वाली है। महादेव की आशीर्वाद से मन प्रसन्न रहेगा और घर में खुशियों का माहौल बना रहेगा। मानसिक चिंताएं दूर होंगी। कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें। परिवार के साथ महादेव के दर्शन के लिए मंदिर जाने की योजना बना सकते हैं। भगवान शिव की कृपा से कोई बड़ी मनोकामना पूरी होने की संभावना है।
महाशिवरात्रि तिथि
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ: 26 फरवरी, प्रातः11:08 बजे से
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी , प्रातः 08:54 बजे तक
चतुर्दशी तिथि का प्रदोष और निशिता काल 26 फरवरी
इसलिए, महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी 2025 को रखा जाएगा