US: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा को नियंत्रण में लेने की योजना पर अपनी स्थिति स्पष्ट की। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने केवल इसका सुझाव दिया था, न कि इसे जबरदस्ती लागू करने का आदेश।
गाजा पट्टी से फलस्तीनी नागरिकों को निकालने और फिर उसे अपने नियंत्रण में लेने की योजना को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दुनियाभर से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। हालांकि, एक अमेरिकी समाचार चैनल के साथ बातचीत में ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनकी योजना केवल एक ‘सुझाव’ है, न कि किसी तरह से ‘लागू करने का आदेश’। जेरूसलेम पोस्ट ने यह जानकारी दी।
‘फॉक्स न्यूज’ के साथ बातचीत में ट्रंप ने इस बात को दोहराया कि वह मानते हैं कि पश्चिम एशिया में स्थिति का समाधान करने के लिए उनकी योजना सबसे अच्छी है। उन्होंने कहा, मैं आपको अपनी योजना का तरीका बताउंगा। मुझे लगता है कि वह योजना वास्तव में काम करेगी। लेकिन मैं इसको लेकर जबरदस्ती नहीं कर रहा हूं। मैं बस बैठकर इसके लिए सुझाव दूंगा। फिर अमेरिका का उस पर नियंत्रण होगा, वहां हमास नहीं होगा। फिर वहां विकास होगा और एक नई शुरुआत होगी।
जॉर्डन के अलावा अरब देशों ने खारिज की ट्रंप की योजना
ट्रंप ने पहले जॉर्डन और मिस्र से कहा था कि वह गाजा से पलायन करने वाले फलस्तीनी शरणार्थियों को स्वीकार करें। जॉर्डन और मिस्र का इस्राइल के साथ शांति समझौता है। हालांकि, जॉर्डन को छोड़कर ज्यादातर अरब देशों ने इस योजना को खारिज किया। जॉर्डन ने दो हजार घायलों को स्वीकार करने पर सहमति दी है। जेरूसलम पोस्ट की खबर में कहा गया है कि शुक्रवार को अरब देशों के एक समूह ने एक वैकल्पिक योजना पर चर्चा करने के मुलाकात की, जिसमें गाजा के करीब 20 लाख की आबादी को वहीं रहने दिया जाएगा।
गाजा पट्टी अब रहने लायक नहीं: डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि गाजा अब पुनर्निर्माण के योग्य भी नहीं है। उन्होंने कहा, वह जगह रहने लायक नहीं है। अगर आपने लोगों को इसकी जगह एक अच्छे समुदाय के बीच रहने का विकल्प दिया, तो मुझे पता है कि वे कहां जाएंगे। देखते क्या होता है। इसके साथ ही ट्रंप ने इस्राइल के 2005 के उस निर्णय का भी जिक्र किया, जब उसने गाजा से अपनी सैन्य मौजूदगी खत्म कर ली थी और नियंत्रण फलस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दिया था। ट्रंप ने सवाल किया, यह एक शानदार जगह है, मुझे समझ नहीं आता इस्राइल ने इसे क्यों छोड़ा।