शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और शिक्षा सचिव के दिशा-निर्देशों पर जिला शिक्षा अधिकारी (प्राथमिक) रविंदर कौर ने शुक्रवार को राजकीय प्राथमिक स्कूल दुगरी का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान स्कूल में साफ-सफाई, शौचालय, पीने वाला पानी, किचन गार्डन, रसोई, दफ्तरी रिकॉर्ड, किताबें और वर्दियां आदि की जांच की गई।
डी.ई.ओ. रविंदर कौर ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया है कि सभी कक्षाओं के विद्यार्थी स्कूल समय से पहले घर जा रहे थे, जिसके बारे में पूछे जाने पर स्कूल प्रमुख कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। मिड-डे मील की रसोई में गंदगी और मकड़ी के जाले लगे पाए गए। स्कूल प्रमुख को मिड-डे मील संबंधी विभागीय निर्देशों की कोई जानकारी नहीं थी और न ही साप्ताहिक मेनू का पालन किया जा रहा था।
शनिवार होने के बावजूद बच्चों को फल नहीं दिए गए। मिड-डे मील में रिफाइंड तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसे तुरंत रोकने के निर्देश दिए गए। सब्जियों में मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। चौथी कक्षा के विद्यार्थियों की जांच में शैक्षणिक स्तर बेहद कमजोर पाया गया।
मौके पर बुलाए सी.एच.टी. से मांगा स्पष्टीकरण
डी.ई.ओ. ने बताया कि स्कूल में लगभग 600 विद्यार्थी हैं और सिर्फ 20 अध्यापक हैं। ऐसे में कमरों की भारी कमी के कारण स्कूल को दो शिफ्टों में चलाने के निर्देश मौके पर ही दिए गए। डी.ई.ओ. ने कहा कि स्कूल में अनुशासन, साफ-सफाई और शिक्षा के स्तर में तुरंत सुधार की जरूरत है। रविन्दर कौर ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ अध्यापक अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री भगवंत मान और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस के नेतृत्व में पंजाब सरकार शिक्षा क्रांति के तहत सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुसार सरकारी स्कूलों का विकास किया जा रहा है और भविष्य में भी इस तरह के निरीक्षण जारी रहेंगे।