शुक्रवार को शहर से श्री नयना देवी की पैदल यात्रा पर जा रहे कुछ श्रद्धालु रास्ते में भांग पीने के बाद बीमार होकर बेहोश हो गए। भांग पीने के बाद श्रद्धालुओं को उल्टियां और चक्कर आने लगे, जिससे श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। कुछ श्रद्धालुओं को चीमा मंडी, भीखी और मानसा के निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। शनिवार दोपहर को उनकी तबीयत में सुधार होने पर उन्हें छुट्टी दे दी गई। कुछ श्रद्धालुओं को छोड़कर बाकी श्रद्धालु फिर से श्री नयना देवी के लिए रवाना हो गए।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह श्री नयना देवी पैदल यात्रा के लगभग 200 श्रद्धालु हर साल की तरह शहर से श्री नयना देवी के लिए रवाना हुए। गांव ढैपई से बीर कलां के नजदीक पहुंचते समय रास्ते में किसी ने उन्हें भांग पिला दी। भांग पीने के बाद कुछ श्रद्धालु बीमार पड़ गए। उन्हें उल्टी और चक्कर आने लगे। चीमा मंडी पहुंचने पर उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान की गई और कुछ श्रद्धालुओं की तबीयत बिगडऩे पर उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को भांग किसने पिलाई? यह तो अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन इस घटना ने पैदल श्रद्धालुओं के जत्थे को मुश्किल में डाल दिया। बताया जा रहा है कि ये श्रद्धालु श्री नयना देवी की तीर्थयात्रा के लिए काफिले के रूप में अलग-अलग समूहों में यात्रा करते हैं। इस यात्रा में लगभग 200 श्रद्धालु थे, लेकिन रास्ते में लगभग दो दर्जन के करीब श्रद्धालुओं ने प्रसाद के रूप में भांग का सेवन कर लिया। इसमें नशे की मात्रा अधिक होने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई और कुछ श्रद्धालुओं को वापस लौटना पड़ा।
श्री नयना देवी पद यात्रा मानसा के अध्यक्ष शिवजी राम तोता ने बताया कि रास्ते में भांग का सेवन करने से कुछ श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी। सभी की चिकित्सकीय जांच और उपचार के बाद उन्होंने तीर्थयात्रा फिर से शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि कुछ श्रद्धालुओं को छोड़कर, बीमार हुए श्रद्धालु फिर से तीर्थयात्रा में शामिल हो गए हैं और वे कुछ दिनों बाद श्री नयना देवी भवन पहुंचकर वापस लौट जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब कोई खतरा या घबराहट की बात नहीं है। शिवजी राम ने कहा कि भविष्य में तीर्थयात्रा के दौरान ऐसी बातों का ध्यान रखा जाएगा।