उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। यहां एक संगठित धर्मांतरण गिरोह के पर्दाफाश के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि इस नेटवर्क ने सैकड़ों महिलाओं को अपने जाल में फंसाया, जिनमें से करीब 97 महिलाएं अब भी लापता हैं। मामला केवल लव-जिहाद तक सीमित नहीं, बल्कि इसके तार देश के कई राज्यों से होते हुए विदेशों तक जुड़ते नजर आ रहे हैं। दो बहनों की संदिग्ध गुमशुदगी से शुरू हुई जांच अब एक अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण रैकेट का रूप ले चुकी है, जिसमें हनीट्रैप, ब्रेनवॉश, फंडिंग और किडनैपिंग जैसे गंभीर पहलू जुड़ते जा रहे हैं। पूरा मामला जितना डरावना है, उतना ही पेचीदा भी।
घटने की शुरुआत तब हुई जब आगरा में दो बहनों (33 व 18 वर्ष) के लापता होने की शिकायत दर्ज हुई। जांच से सामने आया कि “लव जिहाद” का नाम लिए यह गिरोह युवतियों को प्यार और धार्मिक आकर्षण के बहाने फंसा रहा था। सिस्टर की सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल में AK-47 राइफल वाली तस्वीर ने पुलिस को इस जाल की तह तक पहुंचने में मदद की।
इस गिरोह ने काम को विभागों में बांटा हुआ था-एक विभाग पैसा जुटाता, दूसरा अग्निशामक धर्मांतरण या ब्रेनवॉश करता, जबकि तीसरा महिलाओं को छुपाने और नया पहचान पत्र दिलवाने का काम संभालता था। खुफिया सूत्रों के मुताबिक, कमजोर तबके की महिलाएं इन मॉड्यूल की प्रमुख निशाना थीं। कई मामलों में धमकी, शारीरिक शोषण और शह देकर काम करवाने जैसी गंभीर घटनाएं भी सामने आई हैं।
UP पुलिस की टास्क फोर्स और ATS ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल, गोवा, उत्तराखंड व दिल्ली समेत छह राज्यों में मारे गए छापों में 10 प्रमुख आरोपियों को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने बताया कि इनके पास विदेश से मिलने वाली फंडिंग से जुड़े साक्ष्य भी मिले हैं—विशेषकर अमेरिका व कनाडा से। फिलहाल मामला खतरनाक रूप ले चुका है क्योंकि हनी-ट्रैपिंग, प्रशासनिक दबाव और नाबालिगों को शामिल करना भी इन गिरोह की रणनीति का हिस्सा है।
एक बेहद चौंकाने वाला नाम है-“छांगुर बाबा” उर्फ जलालुद्दीन, जो लखनऊ क्षेत्र में भी सक्रिय था और पहले आतंकवाद विरोधी विभाग ने उसे गिरफ़्तार किया था। इससे जुड़े कई रहस्यियां नीतू उर्फ नसरीन के बयान से खुल गई हैं, कि ये गिरोह पिछले 15 वर्षों से सक्रिय है।