बिजनेस डेस्कः भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने सोने की शुद्धता को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब 9 कैरेट (9K) सोने से बनी ज्वेलरी पर भी हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी गई है। पहले यह नियम केवल 14K, 18K, 20K, 22K, 23K और 24K गोल्ड ज्वेलरी पर लागू था।
क्या है नया नियम?
ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के अनुसार, अब सभी ज्वैलर्स और हॉलमार्किंग सेंटरों को BIS के इस नए नियम का पालन करना होगा। 9 कैरेट गोल्ड यानी 375 ppt शुद्धता वाले सोने की ज्वेलरी को अब हॉलमार्क के बिना बेचना गैरकानूनी होगा। इससे ग्राहकों को खरीदारी के समय सोने की शुद्धता को लेकर पारदर्शिता और भरोसा मिलेगा।
हॉलमार्किंग क्यों जरूरी?
हॉलमार्क BIS अधिनियम 2016 के तहत सोने की शुद्धता का प्रमाण है। इससे ग्राहक यह जान सकते हैं कि वे जिस ज्वेलरी में निवेश कर रहे हैं, उसमें असली सोना कितने प्रतिशत है। इससे नकली और कम शुद्धता वाले गहनों से बचाव होता है। अब 9K भी आधिकारिक हॉलमार्क ग्रेड की सूची में शामिल हो गया है, जिससे कम कीमत वाले गहनों में भी ग्राहक को सही जानकारी मिलेगी।