लखनऊ: सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी, सशक्त और जनोन्मुखी बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के हर जिले में अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण किया जायेगा। सूत्रों ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 के दौरान प्रत्येक जिले में मॉडल के रूप में 75 अन्नपूर्णा भवन बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इसी क्रम में प्रदेश में अब तक तीन हजार 534 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और लगभग दो हजार भवनों का कार्य निर्माणाधीन है।
राजकोषीय बचत से बनेंगे अन्नपूर्णा भवन
सरकार द्वारा मॉडल उचित दर दुकानों/अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण में गति लाने के लिए राजकोषीय बचत से भी अन्नपूर्णा भवनों के निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि अब मनरेगा के अलावा राज्य वित आयोग, सांसद निधि, विधायक निधि, पूर्वान्चल विकास निधि, बुन्देलखण्ड विकास निधि अथवा अन्य किसी राज्य या केन्द्र सरकार की योजना, जिसमें इनका निर्माण अनुमन्य है, अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण कराया जा सकेगा। जहां इन योजनाओं के माध्यम से धनराशि की उपलब्धता नहीं हो सकेगी, वहां खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा बचत से धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। इस प्रकार प्रति जिला 75-100 अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण प्रति वर्ष कराया जा सकेगा। इसके अलावा इस भवनों के अनुरक्षण इत्यादि की व्यवस्था का भी प्राविधान किया गया है।
कैबिनेट बैठक में लग चुकी मुहर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बीते दिनों हुए कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर भी लगा दी गई है। अन्नपूर्णा भवनों के निर्माण में कई निधियों से धनराशि का प्रावधान किया जाना है, ऐसी स्थिति में भवनों के लिए भूमि का चयन, भवनों का संचालन, किराया इत्यादि के लिए एकसमान मार्गदर्शी सिद्धान्त पर कार्य किया जा रहा है। अन्नपूर्णा भवनों की डिजाइन एवं अनुमानित लागत व निर्माण अलग-अलग अथवा क्लस्टर में कराया जा सकता है। एकल अन्नपूर्णा भवन का कुल क्षेत्रफल लगभग 484 वर्गफीट होगा, जिसमें एक बड़ा कक्ष, जिसके अन्तर्गत दुकान का संचालन तथा दूसरे कक्ष में सीएससी का संचालन आदि कार्य के लिए स्थान की व्यवस्था होगी। साथ ही लाभार्थियों के लिए एक प्रतीक्षा हॉल होगा।
शहरी क्षेत्रों में क्लस्टर अन्नपूर्णा भवन बनाए जा रहे
एक क्लस्टर में 2-5 दुकानों का निर्माण किया जा सकता है। क्लस्टर नगरीय क्षेत्रों में जहां एकल दुकानों के लिए भूमि उपलब्ध नहीं, वहां शहरी क्षेत्रों में क्लस्टर अन्नपूर्णा भवन बनाए जा रहे हैं। एक क्लस्टर में 2 से 5 उचित दर दुकानों को एक स्थान पर समाहित किया जा सकता है। इससे ना केवल भूमि का समुचित उपयोग होता है, बल्कि भारी वाहनों से खाद्यान्न की आपूर्ति और वितरण व्यवस्था भी सुलभ होती है। सूत्रों के अनुसार, भवन निर्माण की जिम्मेदारी स्थानीय कार्यदायी संस्थाओं को दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिकता ग्राम पंचायतों को और शहरी क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण को दी गई है।