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गोरखपुर
लिंक एक्सप्रेसवे से होते हुए गोरखपुर से लखनऊ मात्र साढ़े तीन घंटे में पहुंचा जा सकेगा। शानदार रोड कनेक्टिविटी की सौगात देते हुए लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का नया द्वार खोलने को तैयार है। इससे पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास का नक्शा और सुनहरा होना तय माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जोर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सुदृढ़ करने पर है। गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख केंद्र है और चारों तरफ फोरलेन सड़कों की कनेक्टिविटी से यह विकास के नए माडल के रूप में विकसित हो रहा है। विकास की इस प्रक्रिया में नवनिर्मित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
91.35 किमी लंबाई वाला यह एक्सप्रेसवे आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़कर राजधानी लखनऊ और अन्य प्रमुख महानगरों की राह सुगम करेगा। यातायात सुगमता का सकारात्मक असर व्यापार और उद्योग पर भी पड़ेगा।
7282 करोड़ रुपये हुए हैं खर्च
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अनुसार गोरखपुर, संतकबीर नगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ जिले में पड़ने वाले एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 7283 करोड़ 28 लाख रुपये की लागत आई है। इसमें भूमि अधिग्रहण की लागत भी शामिल है। लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर बाईपास एनएच-27 ग्राम जैतपुर के पास से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर जनपद आजमगढ़ के सालारपुर में समाप्त हो रहा है।
स्विस तकनीक से आरामदायक होगा एक्सप्रेसवे का सफर
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों को विश्वस्तरीय राइडिंग क्वालिटी (सवारी की गुणवत्ता) का अनुभव मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे की राइडिंग क्वालिटी को विश्व स्तरीय बनाने के लिए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने स्विस तकनीकी का इस्तेमाल किया है। इस तकनीकी का इस्तेमाल प्रदेश के अन्य एक्सप्रेसवे पर भी किया जाएगा।
यूपीडा के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरि प्रताप शाही ने बताया कि यूपीडा ने स्विट्जरलैंड की ईटीएच यूनिवर्सिटी ज्यूरिख और स्पिन आफ कंपनी आरटीडीटी लैबोरेटरी एजी की वाइब्रेशन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित तकनीक का परीक्षण गंगा एक्सप्रेसवे पर किया था।
इसके सार्थक परिणाम मिलने के बाद गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर इसका इस्तेमाल कर राइडिंग क्वालिटी में सुधार किया गया है। जल्द ही यूपीडा द्वारा इस तकनीकी का इस्तेमाल कर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की राइडिंग क्वालिटी व कम्फर्ट में और सुधार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वायब्रेशन तकनीकी और सात एक्सीलेरोमीटर सेंसर युक्त इनोवा कार से एक्सप्रेसवे के सभी लेन की जांच की जाती है। इसकी मदद से एक्सप्रेसवे की सतह, ड्राइविंग में सुविधा और उतार-चढ़ाव का डाटा एकत्र किया जाता है, जिसे आनलाइन ग्राफ के रूप में देखा जा सकता है।
इससे तुरंत यह पता चल जाता है कि एक्सप्रेसवे का कौन सा हिस्सा मानकों पर खरा नहीं उतर रहा है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद सभी फोर लेने की जांच पूरी की जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि 20 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करेंगे। इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।