सोमवार की देर रात तेज रफ्तार डुकाटी बाइक सवार पंचीशील ग्रीन टू निवासी अंकुर सिंह व गौर सिटी दो में रहने वाली कशिश निर्माणाधीन अंडरपास की बेरीकेडिंग से टकराए और नीचे गिर गए। हादसे में दोनों की मौत हो गई। निर्माणाधीन गौर चौक अंडरपास के चारों ओर खतरा बना हुआ है।

गौर चौक से होकर रोज गुजरते हैं हजारों वाहन सवार

रफ्तार निर्धारित होने का कोई साइन बोर्ड चारों ओर नहीं लगा है। साइन बोर्ड लगे होते बाइक सवार युवक और युवती निर्माणाधीन अंडरपास की तरफ नहीं जाते। गौर चौक से हाेकर प्रतिदिन हजारों वाहन सवार गुजरते हैं। यहां निर्माणाधीन अंडरपास के चारों ओर बेरीकेडिंग की गई है।

बेरीकेडिंग पर रिफलेक्टर टेप नही लगे थे। हादसे के बाद इन्हें लगाया गया। अंडरपास से पहले कार्य प्रगति पर होने का कोई बोर्ड नहीं लगा था और न ही स्पीड़ नियंत्रित रखने के कोई साइन बोर्ड लगा हैं। व्यस्त समय से सड़क पर कम यातायात होने पर वाहन यहां तेज रफ्तार में दौड़ते हैं।
अंडरपास के निर्माण से पहले यहां लगी लाइटें हटाने से करीब 20 मीटर के क्षेत्र में रोशनी का अभाव है। गौर चौक से इटेडा की ओर जाने वाले यूटर्न तक दोनों ओर एक-एक अतिरिक्त लेन का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां पर बेरीकेडिंग नहीं की गई है।
बिसरख से गौर चौक की ओर आने पर 400 मीटर पहले डायवर्जन किया गया है। अंडरपास के लिए यहां खोदाई कार्य हो रहा है। 20 मीटर के क्षेत्र को यहां पर भी बेरीकेडिंग नहीं की है।
डायवर्जन वाले क्षेत्र में यातायात सर्विस लेन पर संचालित हो रहा है। इटेडा से चलकर राइज माल की ओर जाने वाले लोग पुलिस चौकी के सामने बने एग्जिट प्वाइंट से यूटर्न लेकर रान्ग साइट चल रहे हैं।
गौर चौक पर फुट ओवर ब्रिज बनने के बावजूद लोग पैदल दौड़कर सड़क पार कर रहे हैं। लोग अपने साथ वाहन चालकों की जान भी खतरे में डाल रहे हैं। बाइक सवार चंद सेकंड बचाने के लिए यूटर्न न लेकर दूसरी ओर जाने के लिए सेट्रल वर्ज के बीच से शार्टकट लेकर निकल रहे हैं।

एसीईओ ने बीते महीने किया था निरीक्षण

गौर चौक अंडरपास पर चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के लिए 15 मई को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह साइट पर पहुंची थीं। उन्होंने निर्माण कार्य को देखा। निर्माणाधीन साइट से अन्य वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कुछ सुझाव दिए थे, लेकिन उन पर अमल नहीं हुआ। निर्माण पर निगरानी की जिम्मेदारी परियोजना विभाग की है। विभागीय अधिकारियों ने भी एसीईओ के सुझावों पर अमल नहीं कराया।

सावधान! अंडरपास के चारों ओर 10 से अधिक खतरे

गौर चौक अंडरपास के चारों ओर 10 से अधिक खतरे हैं। यहां चेतावनी बोर्ड तो कही लगाए ही नहीं गए हैं। रान्ग साइड वाहन चल रहे हैं। एक लेयर की बेरीकेडिंग की गई है। चौराहे पर आटो और ई-रिक्शा खडे हो जाते हैं।

चेतावनी बोर्ड और सेफ्टी मार्शल के लिए यह नियम

इमेजिन आर्क इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के सीईओ विकास सिंह ने बताया कि परियोजना से एक किमी पहले खोदाई कार्य होने का चेतावनी बोर्ड लगाया जाता है। उसके बाद खोदाई कार्य से पहले 500 मीटर के क्षेत्र में हर 50-50 मीटर पर यह बोर्ड लगाना अनिवार्य है। रात के समय 100 मीटर पहले सेफ्टी मार्शल की तैनाती की जाती है जो वाहन चालकों को सांकेतिक लाइट दिखा सकें।