सेफ्टी मार्शल की भी नहीं थी तैनाती
प्राधिकरण के परियोजना विभाग के अधिकारियों ने हर रोज साइट का निरीक्षण करते हैं, लेकिन उन्होंने भी इसकी तरफ ध्यान जरूरी नहीं समझा। रात के समय निर्माणाधीन साइट से 100 मीटर पहले सेफ्टी मार्शल की भी तैनाती नहीं थी। सेफ्टी मार्शल लोगों को निर्माणधीन साइट की तरफ जाने से रोक सुरक्षित स्थान की तरफ से निकलने का इशारा करते हैं। हादसे के बाद भी इन कमियों को दूर नहीं किया गया है।
गौर चौक से होकर रोज गुजरते हैं हजारों वाहन सवार
रफ्तार निर्धारित होने का कोई साइन बोर्ड चारों ओर नहीं लगा है। साइन बोर्ड लगे होते बाइक सवार युवक और युवती निर्माणाधीन अंडरपास की तरफ नहीं जाते। गौर चौक से हाेकर प्रतिदिन हजारों वाहन सवार गुजरते हैं। यहां निर्माणाधीन अंडरपास के चारों ओर बेरीकेडिंग की गई है।
एसीईओ ने बीते महीने किया था निरीक्षण
गौर चौक अंडरपास पर चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के लिए 15 मई को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ प्रेरणा सिंह साइट पर पहुंची थीं। उन्होंने निर्माण कार्य को देखा। निर्माणाधीन साइट से अन्य वाहन चालकों की सुरक्षा को लेकर उन्होंने कुछ सुझाव दिए थे, लेकिन उन पर अमल नहीं हुआ। निर्माण पर निगरानी की जिम्मेदारी परियोजना विभाग की है। विभागीय अधिकारियों ने भी एसीईओ के सुझावों पर अमल नहीं कराया।
सावधान! अंडरपास के चारों ओर 10 से अधिक खतरे
चेतावनी बोर्ड और सेफ्टी मार्शल के लिए यह नियम
इमेजिन आर्क इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. के सीईओ विकास सिंह ने बताया कि परियोजना से एक किमी पहले खोदाई कार्य होने का चेतावनी बोर्ड लगाया जाता है। उसके बाद खोदाई कार्य से पहले 500 मीटर के क्षेत्र में हर 50-50 मीटर पर यह बोर्ड लगाना अनिवार्य है। रात के समय 100 मीटर पहले सेफ्टी मार्शल की तैनाती की जाती है जो वाहन चालकों को सांकेतिक लाइट दिखा सकें।