निर्यातकों का कहना है कि भारत से इजरायल व इरान के लिए भले ही निर्यात कम है लेकिन वहां के ताजा हालात को देखते हुए अन्य देशों से होने वाला व्यापार भी प्रभावित हो सकता है।
कालीनों का जनक देश है इरान

इरान कालीनों का जन्मदाता देश माना जाता है। इरान का भारत से हमेशा गहरा संबंध रहा है। भारत में कालीनों का व्यवसाय इरान के कारण ही फला फूला। आज भी भारत में इरानी डिजाइनों में कालीनों का उत्पादन किया जाता है।
उधर, इजरायल के लिए भारत से कालीनों का निर्यात बेहद कम होता है। देखा जाए तो इन दोनों देशों के लिए भारत से कालीनों का निर्यात महज नाम मात्र का है लेकिन दोनों देशों में युद्ध का सिलसिला लंबा चला तो अन्य देशों से होने वाला कालीन व्यवसाय प्रभावित होना तय है।