जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा इस विषय में जिला कृषि पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी एवं सभी संबंधित अंचलाधिकारियों को पत्र भेजते हुए यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने स्तर से रैयतों को जागरूक करें।

पत्र में कही गई ये बात

पत्र में यह स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संबंधित विभागों के अधिकारी क्षेत्र भ्रमण कर किसानों को व्यक्तिगत एवं सामूहिक रूप से समझाएं कि परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि पर खेती करने से उनका ही नुकसान होगा।

कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों को समन्वय में रहकर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। यह अभियान विशेष रूप से उन राजस्व ग्रामों में चलाया जाएगा जो एक्सप्रेसवे के एलाइनमेंट में आते हैं।