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भागलपुर
पूर्वी बिहार के अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में शनिवार को एक अजीबोगरीब और हतप्रभ करने वाली घटना घटी।
एमआरआई टेबल पर लेटे मरीज को जैसे की जांच के लिए कमरे के लिए अंदर ले जाया गया कि एमआरआई जांच मशीन ने टेबल को अपनी ओर खींचने लगा। टेबल को मशीन के पास पहुंचता देख मरीज भय से चीखने-चिल्लाने लगा।
वह टेबल से जान बचाकर कूदा और कमरे से बाहर निकला। डरे-सहमे मरीज ने कहा कि आज उसकी जान बच गई। हालांकि, अचानक टेबल के मशीन में सटता देख वहां मौजूद टेक्नीशियन ने मशीन को बंद कर दिया। जिससे किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।
इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने एमआरआई जांच को बंद कर दिया और इलाज के लिए आए मरीजों को वापस भेज दिया।
तत्काल इसकी सूचना एमआरआई मशीन उपलब्ध कराने वाली एजेंसी को दी गई। एजेंसी ने इंजीनियर को अस्पताल भेज दिया। जांच के बाद ही पता चलेगा कि किस वजह से मशीन ने टेबल को अपनी ओर खींचने लगा था।
बता दें कि करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से एमआरआई मशीन यहां लगाई गई है। जेएलएनएमसीएच में एमआरआई बंद होने पर मरीजों को भेजा गया था सुपर स्पेशिलियटी जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पीपीपी मोड पर चल रही एमआरआई जांच शुक्रवार से तकनीकी कारणों से बंद हो गई है।
इस वजह से अस्पताल के मरीज को शनिवार को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में एमआरआई जांच के लिए भेजा गया। जांच से पहले सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद मरीज को एमआरआई टेबल पर लिटा दिया गया। इसके बाद मरीज को एमआरआई जांच के लिए कमरे के अंदर ले जाया गया।
जैसे ही यहां मरीज आया कि टेबल मैग्नेट फील्ड के दायरे में आ गया। मशीन तेजी से टेबल को अपनी तरफ खींचने लगा। जिसके बाद टेबल के साथ मरीज सट गया। संयोग यह रहा कि टेबल सटने के बाद एमआरआई मशीन खुद से बंद हो गई। इतने में मरीज भयभीत हो गया।
खुद को बचाने के लिए मरीज तेजी से टेबल से खुद को अलग किया और कूदकर भाग गया। घटना की जानकारी अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. महेश को दी गई। ये यहां आए और मशीन की आपूर्ति करने वाली कंपनी को सूचना दी। इस घटना के बाद जांच कराने आए सभी मरीजों को वापस भेज दिया गया। यहां शनिवार को दो मरीजों की सीटी स्कैन जांच हो पायी।
क्यों खींचने लगी मशीन?
बताया गया कि एमआरआई मशीन में चुंबक लगा होता है। जो लोहे समेत दूसरी चीजों को अपनी तरफ तेजी से खींचने लगता है। सवाल उठता है टेबल में कोई गड़बडी है या मरीज को पूरी तरह से जांच कर टेबल पर नहीं लेटाया गया था। दोनों ही जांच का विषय है।