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आरा
भोजपुर जिले में रविवार की मध्य रात्रि से चार माह के लिए सोन नदी से बालू खनन बंद हो जाएगा। ऐसा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर प्रत्येक वर्ष होता है।
आगामी महीनों में वर्षा के कारण नदियों के बढ़ने वाले जलस्तर को देखते हुए किसी भी आपदा से बचने के लिए प्रत्येक वर्ष इस अवधि में 16 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक बालू खनन बंद रहता है। इस नियम के बाद जिले में चल रहे 38 बालू घाटों से बालू निकालने का कार्य बंद हो जाएगा।
दूसरी तरफ एहतियात के तौर पर खनन विभाग बालू घाटों पर आने जाने वाले रास्तों की मिट्टी कटाई करते हुए क्लोज कर देगा, ताकि किसी भी प्रकार से अवैध खनन लोग नहीं कर सके।
बालू खनन बंद होने के कारण इस अवधि में किसी भी प्रकार की बालू संकट ना हो इसके लिए खनन विभाग ने विशेष व्यवस्था की है।
एक तरफ जहां चल रहे 38 बालू घाटों के सामने 38 बालू ठेकेदारों को बालू बेचने का लाइसेंस दिया है वहीं दूसरी तरफ 52 अन्य स्थानों पर भी बालू की बड़े पैमाने पर भंडारण की गई है।
खनन विभाग ले चुका है रिपोर्ट
खनन विभाग ने इसके पहले जिले के संबंधित सभी विभागों से जिसके यहां बालू की खपत ज्यादा है, बालू की रिपोर्ट ले चुका है। उसके अनुसार सभी के लिए बालू की भी व्यवस्था कर दी गई है।
वहीं जिले के साथ-साथ राज्य के अन्य जिलों और उत्तर प्रदेश में बालू की भारी डिमांड को देखते हुए इस बार बालू का स्टॉक ज्यादा जमा किया गया है।
बालू स्टाक की ड्रोन से हो रही मापी
जिले के सभी बालू स्टाक की ड्रोन से मापी हो रही है, ताकि यह पता किया जा सके की कितने एरिया में और कितनी मात्रा में बालू का स्टाक किया गया है। पिछले वर्ष जिले में 90 लाख एमटी से ज्यादा बालू का स्टॉक किया गया था। इस बार लगभग 1.20 लाख एमटी बालू स्टाक की गई है।
चार बालू घाटों पर 21 लाख हुआ जुर्माना
जिले के चार बालू घाटों पर 21 लाख रुपये का जुर्माना खनन विभाग के द्वारा किया गया है। इन सभी बालू घाट के ठेकेदारों पर आरोप है कि वे अपने निर्धारित एरिया से बाहर जाकर बालू का खनन अवैध ढंग से करा रहे थे। जिन बालू घाटों पर जुर्माना किया गया है उनमें बालू घाट संख्या तीन, बालू घाट संख्या 11, 12 और 39 शामिल हैं।