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वाराणसी
अग्रसेन कन्या पीजी कालेज से शिक्षकों को निकाले जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। शनिवार को कालेज प्रबंधन ने बुलानाला स्थित कालेज परिसर में प्रेसवार्ता कर स्पष्ट किया कि 40 शिक्षकों के निष्कासन का अनावश्यक प्रचार किया जा रहा है, जबकि मात्र 16 शिक्षकों को निकाला गया है।
अध्यक्ष दीपक अग्रवाल, प्रबंधक डा. मधु अग्रवाल, प्राचार्य प्रो. मिथिलेश सिंह ने कहा कि योग्य व मानक के अनुरूप नहीं होने के कारण इन्हें कार्यमुक्त किया गया है। इनकी बायोमिट्रिक में पांच घंटे से भी कम उपस्थिति होती थी।
कहा, कार्यमुक्त किए गए शिक्षकों द्वारा अफवाह फैलाई जा रही है। जिन शिक्षकों को कार्यमुक्त किया गया है वो अनानुमोदित हैं। उनकी नियुक्ति स्थायी शिक्षक के कार्यभार ग्रहण करने तक के लिए की गई थी। इसके अतिरिक्त नौ तृतीय श्रेणी कर्मचारी को कम्प्यूटर ज्ञान न होने व कार्य में लापरवाही के कारण कार्यमुक्त किया गया है। चार चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को अधिक संख्या होने के कारण कार्यमुक्त किया गया है। कहा कि शिक्षकों को दो माह पहले ही नोटिस व एडवांस वेतन दिया जा चुका है। आरोप लगाया कि इन शिक्षकों की लापरवाही से कालेज में छात्राओं की संख्या आधी हो गई है।
प्रबंधन के खिलाफ कार्यमुक्त शिक्षिकाओं का प्रदर्शन
प्रबंधन द्वारा अयोग्य बताए जाने पर प्रबंधकीय शिक्षकों ने शनिवार को अग्रसेन कन्या पीजी कालेज बुलानाला में प्रदर्शन किया। प्रथम तल पर जहां अधिकारी प्रेसवार्ता कर रहे थे वहीं नीचे कार्यमुक्त शिक्षिकाएं प्रदर्शन कर रही थीं।
आरोप लगाया कि अपने लोगों को नियुक्त करने के लिए उन्हें निकाला गया है। बृजेश पांडेय, कंचन यादव, डा. श्वेता सिंह आदि शिक्षकों ने आरोप लगाया कि छात्राओं से एजेंसी को भुगतान करने के लिए साफ्टवेयर चार्ज 300 रुपये लिया गया और बीए की परीक्षा शुल्क शासन द्वारा जो 800 रुपये निर्धारित है उसकी जगह 2880 रुपये लिया जाता है।
बीए की कुल शुल्क लगभग 8000 के करीब लिया जा रहा है। अभिभावकों द्वारा किस्तों में शुल्क जमा करने के अनुरोध को प्रबंधक व प्राचार्य द्वारा ठुकरा दिया गया है। यह भी आरोप लगाया कि उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिला है।