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पटना
बिहार राज्य शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम (बुडको ) की ओर से चलाए गए नमामि गंगे प्रोजेक्ट का काम अब खत्म हो गया है, लेकिन अभी भी शहर की सड़कों की बदहाली कायम है। जिन-जिन सड़कों को नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत खोदा गया सभी की स्थिति बेहद दयनीय है। राजीवनगर नाला तो काम खत्म होने के बाद भी चलने लायक नहीं है।
लोग प्रतिदिन इस सड़क पर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। नमामि गंगे प्रोजेक्ट और पथ निर्माण विभाग के बीच खींचतान में सड़क का मरम्मत का काम लटका हुआ है। लेकिन दोनों विभागों को इससे कोई लेना-देना नहीं रह गया है। आम आदमी गिरे या मरे। राजीवनगर नाला किनारे डेढ़ किलोमीटर में नमामि गंगे प्रोजेक्ट का कार्य किया गया, उसमें कुल आठ बड़े गड्ढे हैं। उन गड्ढों में मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है, जिससे वाहन चलाने में काफी परेशानी हो रही हे।
जरा-सी लापरवाही से गिर सकते नाला में
बुडको द्वारा राजीवनगर नाला किनारे नमामि गंगे प्रोजेक्ट का काम कराया गया। काम कराये 15 दिन हो चुका लेकिन अभी तक सड़क का मरम्मत कार्य शुरू नहीं हो पाया है। स्थिति इतनी खराब हो गई है कि आपकी जरा-सी लापरवाही नाला में गिरा सकती है, जो आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। जबकि पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने जून के प्रथम सप्ताह तक सड़कों को मरम्मत करने का निर्देश दिया था। अब लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर राजीवनगर नाला किनारे सड़क को कब तक मरम्मत किया जाएगा।
सिर पर मानसून और सड़क पर गड्ढा
राज्य में मानसून सिर पर है। कभी में राज्य में मानसून की वर्षा शुरू हो सकती है। ऐसे में राजधानी की सड़कों पर बने गड्ढे लोगों के लिए मौत का कुआं साबित होंगी। अभी सड़कों के गड्ढों को नहीं भरा गया तो वर्षा के दौरान तो स्थिति और खराब हो जाएगी। फिर उस दौरान काम करना भी मुश्किल हो जाएगा। हालांकि इससे अधिकारियों को क्या फर्क पड़ने वाला है, उनको तो सरकारी गाड़ी से निकलना है। आम लोग दुर्घटना का शिकार होते रहें।