विटामिन-डी (Vitamin-D)
विटामिन-डी हड्डियों की मजबूती और इम्यून सिस्टम के लिए जरूरी है, लेकिन इसका ओवरडोज दिल के लिए नुकसानदायक हो सकती है। ज्यादा मात्रा में विटामिन-डी लेने से शरीर में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है, जिससे दिल की आर्टरीज में कैल्सिफिकेशन यानी कैल्शियम जमाव हो सकता है। यह समस्या हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकती है।
आयरन (Iron)
आयरन की कमी से एनीमिया होता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में आयरन सप्लीमेंट्स लेने से दिल की बीमारियों को बढ़ावा दे सकता है। ज्यादा आयरन शरीर में फ्री रेडिकल्स बनाता है, जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को बढ़ाकर हार्ट के मसल्स को नुकसान पहुंचाता है। इससे दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है।
कैल्शियम (Calcium)
कैल्शियम हड्डियों और दांतों के लिए जरूरी है, लेकिन इसका ओवरडोज दिल के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर कैल्शियम सप्लीमेंट्स को ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। यह आर्टरीज में प्लाक जमा करके ब्लड फ्लो को प्रभावित करता है, जिससे हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ सकता है।
विटामिन-ई (Vitamin-E)
विटामिन-ई एक एंटीऑक्सीडेंट है, जो सेल्स को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाता है, लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा दिल के लिए फायदेमंद नहीं है। हाई डोज विटामिन-ई सप्लीमेंटेशन से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है। यह ब्लड क्लॉटिंग को प्रभावित करके दिल से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega-3 Fatty Acids)
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स दिल की सेहत के लिए अच्छे माने जाते हैं, लेकिन ज्यादा मात्रा में इस सप्लीमेंट को लेना खतरनाक हो सकता है। ज्यादा ओमेगा-3 ब्लड थिनर का काम करता है, जिससे ज्यादा ब्लीडिंग और अनियमित धड़कनों की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी प्रभावित कर सकता है।