2.0kViews
1594
Shares
नई दिल्ली
हैदराबाद में अमेरिकी दूतावास में एक भारतीय छात्र का F-1 वीजा इंटरव्यू को अनुभव साझा किया है। इंटरव्यू की शुरुआत तो सामान्य सवालों, जैसे पढ़ाई और यूनिवर्सिटी के सलेक्शन से हुई, लेकिन अचानक वीजा अधिकारी ने तकनीकी सवाल पूछने शुरू कर दिए।
छात्र ने शांत और स्पष्ट जवाब दिए, फिर भी वीजा अधिकारी ने उसका वीजा खारिज कर दिया और रिअप्लाई की सलाह दी। छात्र ने रेडिट पर अपने अनुभव के शेयर किया ताकि उसे कोई सही फीडबैक दे।
छात्र ने लिखा, “30 मई 2025 को मेरा F-1 वीजा इंटरव्यू हैदराबाद दूतावास में हुआ। वीजा अधिकारी एक 30 साल के पुरुष थे। दुर्भाग्यवश, मेरा वीजा सेक्शन 214(b) के तहत खारिज हो गया। मैं अपना अनुभव शेयर कर रहा हूं ताकि मुझे यह समझने में मदद मिले कि क्या गलत हुआ और अगली बार मैं कैसे बेहतर कर सकता हूं।”
तकनीकी सवाल बना सिरदर्दी
छात्र ने बताया कि इंटरव्यू की शुरुआत सामान्य थी, जिसमें उसकी पढ़ाई और यूनिवर्सिटी के बारे में सवाल पूछे गए। लेकिन अचानक वीजा अधिकारी ने तकनीकी सवाल शुरू कर दिए। उनसे ऐरे और लिंक्ड लिस्ट के बीच अंतर, साथ ही लीनियर रिग्रेशन के बारे में पूछा गया।
छात्र ने आत्मविश्वास के साथ जवाब दिए, लेकिन वीजा अधिकारी ने इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन और डेटा साइंस में उसकी विशेषज्ञता के बारे में सवाल पूछने के बाद वीजा खारिज कर दिया।
छात्र ने कहा, “मैं तकनीकी सवालों के स्तर से हैरान था। मैंने शांत रहकर ईमानदारी से जवाब देने की कोशिश की, लेकिन मुझे समझ नहीं आया कि आखिर गलती कहां हुई।
यूजर्स ने दिए सुझाव
रेडिट पर कई यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए। एक यूजर ने लिखा, “सेक्शन 214(b) के तहत वीजा खारिज होने का मतलब है कि वीजा अधिकारी को यकीन नहीं हुआ कि आप पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने देश वापस लौटेंगे।”
एक अन्य ने सुझाव दिया, “‘इंडस्ट्री-ओरिएंटेड’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर करना ही हो, तो यह जोर देकर कहें कि आप अपने देश में वापस काम करेंगे।”
एक तीसरे यूजर ने कहा, “अधिकारी ने सामान्य सवाल पूछे थे, शायद आप घबरा गए। फिर से आवेदन करें और इस बार आत्मविश्वास से जवाब दें।”
कई यूजर्स ने छात्र को हिम्मत न हारने और दोबारा आवेदन करने की सलाह दी। एक यूजर ने फिर दोहराया, “‘इंडस्ट्री-ओरिएंटेड’ जैसे शब्दों से बचें, या यह साफ करें कि आप पढ़ाई के बाद भारत में ही काम करेंगे।”