सुभासपा का तर्क है कि वह इस सीट पर लगातार 2012 से मुख्य भूमिका में रही है। तब सीट पर कौमी एकता दल से चुनाव लड़ने वाले मुख्तार अंसारी को समर्थन दिया था। 2017 में भाजपा-सुभासपा गठबंधन से अपने टिकट पर महेंद्र चौहान को प्रत्याशी बनाया, हालांकि वह हार गए। 2022 में अब्बास को सपा-गठबंधन से मैदान में उतारा और जीत हासिल की।
मऊ सदर सीट से गठबंधन चाहे भाजपा या सपा के साथ रहा हो, प्रत्याशी हर बार सुभासपा का ही लड़ा। हालांकि भाजपा गठबंधन के बावजूद सुभासपा को घोसी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में दारा सिंह चौहान और लोकसभा चुनाव में अरविंद राजभर को हार का मुंह देखना पड़ा था।