चार हजार रुपये यूपीआई लिंक पर भेजने पर कोई रुपये उसे प्राप्त नहीं हुआ। फिर मैसेज आया कि आपको टाक्स टू खेलना पड़ेगा।
मैसेज के अनुसार, 15 हजार रुपये भेज दिया। लेकिन 25 हजार रुपये प्राप्त नहीं हुआ। 55 हजार मिलने की बात बताने पर फिर 30 हजार रुपये भेजा। लेकिन पैसे खाता में नहीं आया।
इसके बाद चार आदमी का ग्रुप आया और अंतिम टाक्स गलत करने की बात करते हुए बताया गया कि आपका खाता फ्रिज हो गया है। जिसको अनफ्रिज करने के लिए 50 हजार रुपये भेजना पड़ेगा।
इसपर प्रियदर्शनी ने अपने खाते से 30 हजार और पति के खाते से 20 हजार रुपये भेज दी। फिर मैसेज कर कहा गया कि आपको खेलना ही पड़ेगा।

तीन खातों से भेजे एक लाख

इसके लिए एक लाख रुपये भेजना पड़ेगा। फिर प्रियदर्शनी ने टाक्स टू खेलने के लिए पति, ससुर और ननद के खाते से एक लाख रुपये भेज दिया।

आधा घंटा तक 2.90 लाख रुपये खाता में प्राप्त नहीं होने पर उन्होंने मैसेज किया। मैसेज आया कि आपका खाता सीज हो गया है। अब आप फाइनेंस से बात करने की बात करते हुए लिंक भेजा गया।
बताया गया कि आपका स्कोर 80 हो गया है। इसको 100 स्कोर करने के लिए आपको 20 हजार भेजना होगा। तब दो लाख रुपये मिलेगा।
यह बात पति को बताने पर पता चला कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गई और दो लाख चार हजार रुपये का चूना लगा गया।