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गोरखपुर
पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर स्थित नवनिर्मित महत्वपूर्ण सरयू नदी (घाघरा) पुल जुलाई में तैयार हो जाएगा। गर्डर आदि लगाने के कार्य तेजी के साथ चल रहे हैं। इस पुल के खुल जाने से तीसरी ही नहीं चौथी रेल लाइन का भी रास्ता साफ हो जाएगा। एक किमी से अधिक लंबे पुल पर तीसरी के साथ चौथी लाइन भी बिछाई जा सकेगी।
तीसरी व चौथी लाइन के निर्माण से ट्रैक क्षमता में वृद्धि होगी एवं मांग के अनुरूप अधिक संख्या में गाड़ियां तीव्र गति से चलाई जा सकेंगी। यात्री गाड़ियों का संचलन और अधिक सुचारू रूप से होगा, समय पालन में सुधार होगा। मालगाड़ियों के संचालन समय में भी कमी आएगी, जो व्यापारियों व उद्यमियों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।
गोरखपुर-लखनऊ रेलमार्ग पर छोटे-बड़े कई रेल पुल हैं, लेकिन सरयू पुल सबसे महत्वपूर्ण है। पहला एल्गिन ब्रिज 1896 में तैयार हुआ था। दूसरा पुल 100 वर्ष बाद वर्ष 2013-14 में खुला था। दोनों पुलों से होकर डबल लाइन पर ट्रेनें चल रही हैं। दस साल में ही तीसरा रेल पुल लगभग बनकर तैयार हो गया है, जिसपर दो रेल लाइनें (तीसरी और चौथी) बिछाई जा सकेंगी।
फिलहाल, तीसरी रेल लाइन के लिए पुल का निर्माण अंतिम चरण में है। आने वाले दिनों में बाराबंकी से गोरखपुर होते ही छपरा तक 425 किमी रेलमार्ग पर थर्ड लाइन बिछ जाएगी। तीसरी के साथ चौथी रेल लाइन के लिए भी सर्वे कार्य तेज गति से चल रहा है।
गोरखपुर जंक्शन से कैंट और कुसम्ही समेत गोंडा- बुढ़वल-बाराबंकी रेल खंड पर करीब 60 किमी थर्ड लाइन का निर्माण हो चुका है। गोरखपुर जंक्शन-कुसम्ही (14 किमी), छपरा कचहरी-छपरा (2.0 किमी) तथा गोंडा कचहरी-करनैलगंज (23.65 किमी) स्टेशनों के मध्य तीसरी लाइन का कार्य पूर्व में ही पूरा किया जा चुका है।
करनैलगंज-सरयू-जरवल रोड-घाघरा घाट (21.41 किमी) तीसरी लाइन के निर्माण कार्य के परिप्रेक्ष्य में 24 से 30 जून, 2025 तक प्री नॉन इंटरलॉकिंग कार्य तथा एक से 04 जुलाई, 2025 तक नान इंटरलाकिंग कार्य किया जाएगा।
डोमिनगढ़ से खलीलाबाद चौथी लाइन के लिए सर्वे को मंजूरी
डोमिनगढ़ से खलीलाबाद के बीच 30 किमी चौथी रेल लाइन के लिए भी रेलवे बोर्ड ने सर्वे को मंजूरी दे दी है। वर्ष 2025 में चिन्हित 457 किमी रेल लाइन का सर्वे कार्य पूरा कर लिया जाएगा। खलीलाबद से बैतालपुर तक 85 किमी तीसरी रेल लाइन के लिए सर्वे पूरा हो गया है।
दरअसल, रेलवे बोर्ड के निर्देश पर रेलवे प्रशासन ने उच्च घनत्व वाले रेलमार्गों की ट्रैक क्षमता बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है। ताकि, अधिक से अधिक ट्रेनें चलाकर यात्रियों को सहूलियत प्रदान की जा सके। इसके लिए युद्धस्तर पर तीसरी और चौथी रेल लाइन के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
गोरखपुर-लखनऊ खंड पर स्थित सबसे व्यस्त लाइनों में से एक गोंडा- बुढ़वल में तीसरी लाइन के दूसरे चरण के लिए कार्य समाप्ति पर है, जुलाई के प्रथम सप्ताह में इसका सीआरएस निरीक्षण किया जाएगा। इसके तीसरे और अंतिम चरण के अंतर्गत घाघरा नदी पर स्थित महत्वपूर्ण पुल पर सभी गर्डर की लांचिंग पूरी कर ली गई है। गर्डर लांचिंग का कार्य रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया।