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सासाराम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सड़क व रेल से जुड़ी जो आधारभूत संरचनाओं का शिलान्यास तथा उद्घाटन किया, उससे शाहाबाद क्षेत्र में यातायात व्यवस्था और सुगम होगा।
43 करोड़ की लागत से बने सासाराम-अनुग्रहण तक आटोमेटिक (स्वचालित) सिंगनलिंग प्रणाली के शुरू किए जाने से हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंड कार्ड रेल लाइन पर ट्रेन परिचालन में पहले की अपेक्षा और तेजी आएगी।
अब ट्रेनों को ज्यादा समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा 37.12 अरब से बनने वाले पटना-सासाराम वाया तथा लगभग 60 अरब की लागत से बनने वाले सासाराम के रास्ते वाराणसी-कोलकाता वाया रांची एक्सप्रेसवे के बन जाने से जिले को लाेगों को रोजगार के साथ बेहतर आवागमन की सुविधा मिलेगी।
लोगों को यात्रा करने में भी कम समय लगेगा
रेलवे अधिकारियों की मुताबिक, ऑटोमोटिक सिगनलिंग प्रणाली नहीं होने से पहली ट्रेन को पूरब में पहलेजा तथा पश्चिम में कुम्हऊ रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद ही दूसरी गाड़ी को सासाराम से खोला जाता था, लेकिन अब इस प्रणाली के कार्य करने से एक किलोमीटर की दूर के अंतराल पर ट्रेनों का परिचालन करने में सहूलियत हो गई है।
इ ससे जहां ट्रेनें जहां तेज गति चलेगी, वहीं लोगों को यात्रा करने में भी कम समय लगेगा। बताते चलें कि सासाराम के रास्ते डीडीयू-धनबाद वाया गया रेलखंड पर 160 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन परिचालन शुरू करने को लेकर ट्रायल भी किया जा चुका है।
वहीं 23.38 अरब की लागत से सोननगर-मोहम्मदगंज के बीच तीसरी रेल लाइन से शुरू होने से मालवाहक ट्रेनों का परिचालन भी सुगम हो गया है। यह लाइन डेटिकेटेड फ्रेट कोरिडोर लाइन के लिए फीडर मार्ग के रूप में काम करेगा।