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भागलपुर
नवगछिया प्रखंड का जगतपुर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। पक्षी प्रेमियों के ठहरने के लिए डाकबंगला का निर्माण हो रहा है।
पक्षी प्रेमी पक्षियों का दीदार करने के बाद कुछ देर यहां आराम कर सकेंगे। साथ ही पक्षियों का दीदार करने के लिए वॉचटावर का निर्माण किया जा रहा है।
इससे पक्षियों को यहां किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और आराम से आवासन कर सकेंगे। उप विकास आयुक्त (डीडीसी) प्रदीप कुमार सिंह शुक्रवार को नवगछिया प्रखंड के जगतपुर झील क्षेत्र का दौरा कर वहां चल रहे विभिन्न विकास कार्यों का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ झील और आसपास के इलाकों में हो रहे सौंदर्यीकरण, गहरीकरण और बुनियादी ढांचे के निर्माण कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने कहा कि जगतपुर झील क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हर वर्ष आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
झील के किनारे वॉचटावर का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे पर्यटक पक्षियों का नजदीक से अवलोकन कर सकेंगे।
साथ ही, झील तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क का निर्माण भी किया जा रहा है, जो आने-जाने में सहूलियत प्रदान करेगा।
झील और आसपास के जल स्रोतों का गहरीकरण, सफाई और संरक्षण कार्य जैव विविधता के संरक्षण में सहायक सिद्ध होगा। यह क्षेत्रीय जल स्तर को भी बेहतर बनाएगा और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को मजबूती देगा।
अधिकारियों को दिया गया ये निर्देश
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी विकास कार्यों में पारिस्थितिक संतुलन को प्राथमिकता दी जाए और कार्यों की गुणवत्ता तथा समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि झील क्षेत्र का समग्र विकास न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा।
उन्होंने मनरेगा भवन निर्माण कार्य का भी जायजा लिया, जो ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएग।
उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र का सतत विकास पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाएगा और स्थानीय समुदाय की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्यों को निर्धारित समय सीमा के अंदर गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूर्ण किया जाए ताकि आगामी दिनों में यह स्थल न केवल स्थानीय लोगों के लिए पर्यटन एवं रोजगार का स्रोत बने, बल्कि बाहरी पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र हो।
उन्होंने कहा कि झील के आसपास स्वच्छता, हरित क्षेत्र का विस्तार एवं स्थानीय सांस्कृतिक तत्वों के समावेश से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही स्थानीय युवाओं को पर्यटन से जोड़ने एवं उन्हें रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना भी प्रशासन के स्तर पर विचाराधीन है। जगतपुर झील चार सौ हेक्टेयर में फैला हुआ है।
झील में हर साल दूर देश से 100 से अधिक प्रजाति के पक्षी आते हैं, इसलिए इसे पक्षी अवलोकन के लिए एक आकर्षक स्थल बनाया जा रहा है। जगतपुर झील पर्यावरणविदों के लिए असाधारण प्रयोगशाला से कम नहीं है।
यहां पक्षियों का संरक्षण स्थानीय समुदाय की जागरूकता की वजह से हो रहा है। इस जलाशय में प्रवासी पक्षियों को पर्याप्त सुरक्षा और भोजन मिल रहा है।