कोई भी शुभकार्य करने का उत्कृष्ट मुहूर्त है। इसी दिन नदियों में दीप प्रज्वलन कर प्रवाहित करने का विधान भी है। हमेशा की तरह इस बार भी इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की संपन्नता के बाद पुण्य सलिला सरयू की धारा सहस्त्र दीपों की आभा से आलोकित होगी।
Pran Praitha Part 2 में रामनगरी के 100 आचार्य
अयोध्या : राम मंदिर के पूरक मंदिरों में पांच जून को होने वाले अनुष्ठान के संपादन में अयोध्या के वैदिक आचार्य सबसे अधिक संख्या में होंगे। यहां के वैदिक आचार्यों की इतनी बड़ी संख्या पहली बार राम मंदिर के अनुष्ठान में शामिल हो रही है।
कुल 120 वैदिक आचार्यों की टोली हैं, जिसमें से 100 रामनगरी के हैं। इन्हें विभिन्न अनुष्ठान को संपन्न कराने का दायित्व दिया गया है। वाराणसी के आचार्य जयप्रकाश इस अनुष्ठान का नेतृत्व करेंगे। बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में देशभर के 300 से अधिक आचार्य आए थे।
नेपाल के वैदिक आचार्यों का दल भी शामिल था। पर उसमें यहां के आचार्यों की संख्या कम रही, लेकिन इस बार हो रही देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में अधिकांश आचार्य अयोध्या के हैं। ज्योतिषाचार्य शर्मा ने बताया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय के नेतृत्व में सब कुछ तय हुआ।
ज्योतिषाचार्य प्रवीण शर्मा के संयोजन में निकाला गया मुहूर्त
अयोध्या : देवी देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुहूर्त इसी नगरी के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य प्रवीण शर्मा के संयोजन में निकाला गया।
शर्मा के अलावा श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय, ज्योतिष केंद्र सप्त सागर के प्रमुख आचार्य राकेश तिवारी व प्रख्यात वैदिक आचार्य व कर्मकांड के ज्ञाता रघुनाथ शास्त्री से विमर्श के बाद कार्यक्रम तय हुआ। इसके लिए तीन बैठकें हुईं।