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मध्यप्रदेश
भारत के थल सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने चित्रकूट जाकर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से मुलाकात की और उनसे आशीर्वाद लिया। इस दौरान थल सेना प्रमुख ने स्वामी रामभद्राचार्य के साथ आध्यात्मिक चर्चा भी की।
स्वामी रामभद्राचार्य ने इस मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने आर्मी सेना के चीफ को ‘राम मंत्र’ की शिक्षा भी दी। उन्होंने बताया कि इसी राम मंत्र की शिक्षा के साथ हनुमान जी ने रावण की लंका पर विजय प्राप्त की थी।
गुरु दक्षिणा में मांगा पीओके
इस विशेष भेंट के दौरान थल सेना प्रमुख ने परंपरानुसार जगद्गुरु से गुरु दक्षिणा देने का विनम्र निवेदन किया, तो स्वामी रामभद्राचार्य ने एक ऐसी मांग रख दी जो पूरे देश के लिए एक संदेश बन गया।
दरअसल, स्वामी रामभद्राचार्य ने उपेंद्र द्विवेदी से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की मांग कर दी। इससे पूरे राष्ट्र में यह संदेश जाता है कि एक संत को न रत्न चाहिए न वस्त्र चाहिए, उन्हें दक्षिणा में सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर (PoK) चाहिए।
दिया सेना का प्रतीक चिन्ह
बता दें, थल सेना प्रमुख अपनी पत्नी सुनीता द्विवेदी के साथ प्रभु श्रीराम की तपोभूमि पहुंचे थे। तुलसी पीठ में पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य से मुलाकात और आशीर्वाद के बाद आर्मी चीफ ने उन्हें सेना का प्रतीक चिन्ह भेंट किया।
इस दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि उनकी कामना तो दक्षिणा में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत में देखने की है। साथ ही कहा कि भगवान कामतानाथ कुछ ऐसी कृपा करें कि जनरल द्विवेदी के ही कार्यकाल में उनके समेत पूरे देशवासियों की यह कामना पूरी हो जाए।
जगद्गुरु ने पीएम मोदी की तारीफ की
जगद्गुरु ने फिर पीएम मोदी की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया भारत को नए स्वरूप में देख रही है। ऑपरेशन सिंदूर में रामचरितमानस की महिमा के बखान पर देशवासियों को पीएम मोदी से अनुरोध करना चाहिए कि वह रामचरितमानस को राष्ट्र ग्रंथ घोषित कर दें।