– आशा फैसिलिटेटर की 1,050 नई नियुक्तियां

वर्तमान में आशा कार्यकर्ताओं की स्थिति

मालूम हो कि वर्तमान में बिहार में 91,281 आशा कार्यकर्ता और 4,361 आशा फैसिलिटेटर कार्यरत हैं। इसके अलावा राज्य में 5,111 ममता कार्यकर्ता भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। आशा कार्यकर्ताओं की अथक प्रयास के कारण बिहार में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) और स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के आंकड़े इस प्रगति को दर्शाते हैं-

-2005-06 (एनएफएचएस-3) में केवल 18.7% गर्भवती महिलाओं ने गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) करवाई थी।
-2019-20 (एनएफएचएस-5) में यह आंकड़ा बढ़कर 52.9 प्रतिशत तक पहुंच गया।
-एचएमआईएस के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 77 प्रतिशत महिलाएं प्रारंभिक एएनसी सेवाएं ले रही हैं।
-लगभग 85 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं चार बार प्रसव पूर्व जांच एएनसी करवा रही हैं।
-97 प्रतिशत महिलाएं गर्भावस्था के समय पर पंजीकरण करवा रही हैं।
यह प्रगति आशा कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका, जन-जागरूकता अभियानों और स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच का प्रतिफल है। वर्ष 2005-06 में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-3) के अनुसार देश में संस्थागत प्रसव का प्रतिशत मात्र 19.9 प्रतिशत था।
यह आंकड़ा स्वास्थ्य सेवाओं की सीमित पहुंच और जागरूकता की कमी को दर्शाता था लेकिन वर्ष 2019-20 में आए एनएफएचएस-5 के अनुसार यह आंकड़ा बढ़कर 76.2 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। राज्य के स्वास्थ्य सेवाओं को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।