गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान 30 मार्च से शुरू हुआ है। यह 30 जून तक चलेगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि इस अभियान को जनआंदोलन का रूप दें और एकजुट होकर इसे सफल बनाएं। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन के अस्तित्व का आधार जल ही है। इसलिए इसकी एक-एक बूंद बचाने की जरूरत है। इस अभियान को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव इतने प्रतिबद्ध हैं कि उन्होंने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को भी इसकी देखरेख सौंपी है। बता दें, प्रदेश सरकार का यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्वोच्च प्राथमिकता वाले कामों में शामिल है।
बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे आमजन
दिखने लगे प्रभावी परिणाम
प्रदेश की मोहन सरकार जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल दीप यात्रा, जल संकल्प कार्यक्रम, धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित कर रही है। इनके माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है और उनके बीच जल संरक्षण का संदेश भी पहुंचाया जा रहा है। अभियान के एक महीने के अंदर ही हजारों जल स्रोत पुनर्जीवित होने लगे हैं। भविष्य में बारिश के मौसम में इसके और ज्यादा प्रभावी परिणाम दिखने लगेंगे। भूजल स्तर में सुधार होगा, हरियाली बढ़ेगी, मिट्टी में नमी आएगी तो पूरे प्रदेश में जल संकट दूर होता दिखाई देगा। इसके अलावा इस अभियान ने समाज की मनोवृत्ति पर भी असर डाला है। बता दें, इस अभियान को सफल बनाने के लिए सरकार ने डिजिटल मॉनिटरिंग और मूल्यांकन प्रणाली की व्यवस्था की है। सभी गतिविधियों की जीआईएस ट्रैकिंग और इंपैक्ट वैल्युएशन किया जा रहा है।