शीर्ष अदालत ने प्राधिकरण को छह सप्ताह के भीतर प्रत्येक घर के मालिकों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। अदालत ने पहले प्रयागराज में उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना तोड़फोड़ की कार्रवाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई थी और कहा था कि इससे गलत संकेत गया है।

वकील का दावा- अतीक अहमद की जमीन समझ किया ध्वस्त

उधर, याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने गलत तरीके से मकानों को ध्वस्त किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सोचकर इसे ध्वस्त किया कि यह जमीन गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद की है, जो 2023 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था।

शीर्ष अदालत अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिनके मकान ध्वस्त कर दिए गए थे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इस विध्वंसक कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया था। याचिकाकर्ताओं को कथित तौर पर प्रयागराज जिले के लूकरगंज में कुछ निर्माणों के संबंध में 6 मार्च 2021 को नोटिस दिया गया था।