चादर-कवर साफ लेकिन तकिये गंदे…
वाराणसी सिटी के प्लेटफार्म नंबर तीन पर रविवार की रात खड़ी गोरखपुर एक्सप्रेस के वातानुकूलित तृतीय श्रेणी के कोच में बैठे यात्री परेशान थे। कोच नंबर बी वन की बर्थों पर रखे गए तकिये देख यात्रियों का मन खिन्न था। बेडरोल के पैकेट में चादर और कवर तो साफ थे, लेकिन गंदे तकिये सुहाने सफर के दावों को मुंह चिढ़ा रहे थे।
अटेंडेंटे ने नहीं दी शिकायत पुस्तिका
शिकायत पुस्तिका मांगने पर भी उपलब्ध नहीं कराया। दबाव बनाने पर सिर्फ दो साफ तकिया लेकर आया, लेकिन यात्रियों ने लेने से मना कर दिया और तकिया लगाया ही नहीं। बिना तकिये के ही गोरखपुर तक का सफर पूरा किया। नियमानुसार अधिकतम एक साल में तकिया बदलने की अनिवार्यता है। इसके बाद भी तकियों को न कोई देखने वाला है और न कोई नोटिस लेने वाला। बर्थों पर रखे गए तकिये अप्रैल, 2022 के बने थे।
यानी, कोविड काल के बाद से एसी कोचों के यात्रियों को दिया जाने वाला तकिया बदला ही नहीं गया है। यात्री गंदा तकिया लगाने को मजबूर हैं।