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ये खबर मेडिकल इतिहास में किसी चमत्कार से कम नहीं है। ऑस्ट्रेलिया से एक बेहद हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ऑस्ट्रेलिया के एक व्यक्ति को पूरी तरह से मेटल से बने हार्ट पर 100 दिनों तक जिंदा रखा गया। अब ये हुआ कैसे इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
शख्स के अंदर टाइटेनियम का बना दिल लगा दिया गया था। वह शख्स इस मशीनी हार्ट के सहारे 100 दिनों तक जिंदा रहा, ये किसी चमत्कार से कम नहीं है। शख्स की उम्र 40 साल बताई जा रही है, टाइटेनियम से बने हार्ट का इस्तेमाल करने वाला ये पहले इंसान बन गया।
2023 में किया था ऑपरेशन
बता दें कि सिडनी के सेंट विंसेंट अस्पताल में नवंबर 2023 के दौरान शख्स का ऑपरेशन किया गया। मरीज का हार्ट पूरी तरह फेल हो चुका था। तत्काल कोई हार्ट डोनर था नहीं। इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने 6 घंटे की सर्जरी के बाद पूरी तरह से डैनियल टिम्स द्वारा डिजाइन किया गया BiVACOR टोटल आर्टिफिशियल हार्ट मरीज में प्रत्यारोपित कर दिया। यह आर्टिफिशियल हार्ट दुनिया की पहली रोटरी रक्त पंप है।
100 दिनों तक किया काम
इसी हार्ट पर मरीज जिंदा रहा और यहां तक कि उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई और वह सामान्य कामकाज करने लगा। जब उसे हार्ट देने के लिए डोनर मिल गया तो सौ दिनों के बाद उसके शरीर में इंसान वाला हार्ट लगा दिया गया।
कैसे काम करता है यह मशीनी दिल?
BiVACOR कृत्रिम हृदय मैग्नेटिक लेविटेशन तकनीक (Magnetic Levitation Technology) का इस्तेमाल करता है, जो हाई-स्पीड ट्रेनों में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक के समान है। यह शरीर और फेफड़ों में रक्त पंप करने का कार्य करता है, जिससे हृदय के दोनों निलयों (Ventricles) को बदला जा सकता है।
इसमें केवल एक ही चलने वाला भाग होता है – एक घूमने वाला रोटर, जिसे चुंबकों (Magnets) की मदद से संतुलित किया जाता है। यह टाइटेनियम से बना होता है और इसमें कोई वाल्व या मैकेनिकल बियरिंग नहीं होते, जिससे यह अधिक टिकाऊ और प्रभावी बनता है।