मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में 80 हजार राशन डीलर 3.60 करोड़ राशन कार्डधारकों के जरिये 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन बांट रहे हैं। सरकार गरीबों, किसानों और बेटियों के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश में 22 लाख बेटियों को पढ़ाई के लिए प्रति बेटी 25 हजार रुपये की सहायता दी जा रही है, जबकि चार लाख बेटियों की शादी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना से कराई गई है। अप्रैल से बेटियों की शादी के लिए एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। वहीं, बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद मेधावी बेटियों को स्कूटी और कामकाजी महिलाओं को अहिल्याबाई होलकर के नाम पर आवासीय सुविधा भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में राशन की दुकानों को अब अन्नपूर्णा भवन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां जरूरत का सामान, बिजली बिल जमा करने की सुविधा और वेयरहाउस की व्यवस्था होगी। दो हजार से अधिक अन्नपूर्णा भवनों का निर्माण चल रहा है। ग्राम सचिवालयों के जरिये आय, जाति, जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र भी आनलाइन दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अपील की कि जिन लोगों ने अब तक उज्ज्वला योजना के लिए अपना पंजीकरण नहीं कराया है, वे करा लें। उन्होंने सभी से होली को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील की।
इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, खाद्य एवं रसद मंत्री राज्य मंत्री सतीश चन्द्र शर्मा, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल आदि उपस्थित थे।
दस लाभार्थियों को सौंपे गए प्रतीकात्मक चेक
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 10 लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक प्रदान किए। इनमें ममता मिश्रा, रम्पाता, रहनुमा बेगम, रूबीना, श्वेता सिंह, रूपा, सोनम शुक्ला, गुड़िया, ममता और शिखा गौतम शामिल थीं। कार्यक्रम में उज्ज्वला योजना और महाकुंभ से संबंधित वीडियो भी दिखाए गए।
बेलन के डर से खन्ना जी ने शादी नहीं की
मुख्यमंत्री योगी ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ चुटकी भी ली। उन्होंने कहा कि बेचारे खन्ना जी यहां बैठे हैं उन्होंने बेलन के डर से शादी ही नहीं की। पहले गैस कनेक्शन लेना आसान नहीं था इसलिए बहुत से लोग कुंवारे रह गए। लोगों को लगता था कि त्योहार पर ज्यादा मेहमान आ गए तो रसोई गैस खत्म हो जाएगी, घर में खाना बन नहीं पाएगा और इज्जत पर बट्टा लग जाएगा। पहले सिलेंडर के लिए लोगों को लंबी-लंबी लाइनों में लगना पड़ता था, यहां तक की भीड़ बढ़ने पर कभी-कभी तो पुलिस की डंडे भी पड़ जाते थे।