आरबीआई को पिछले साल सितंबर में गोल्ड लोन में कई तरह की अनियमितताएं मिली थीं। हाल के समय में सोने के एवज में कर्ज बहुत तेजी से बढ़ा है। ऐसे में आरबीआई इस पर लगाम लगाना चाहता है।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों को सोने के एवज में कर्ज देना मुश्किल हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई अब इससे संबंधित नियमों को कड़ा करने की योजना बना रहा है। इसमें अंडरराइटिंग प्रक्रियाओं का पालन करने व पैसे के सही उपयोग करने का निर्देश दिया जा सकता है।
बैंकों के एजेंट ले रहे थे सोना
बैंकों के फिनटेक एजेंट सोना इकट्ठा कर रहे थे। उसका भंडारण और वजन कर रहे थे। नियमों के मुताबिक, यह सब काम बैंकों या कर्ज देने वाले संस्थानों को करना चाहिए। बैंक कर्ज नहीं चुकाने वाले ग्राहकों को जानकारी दिए बिना ही सोने की नीलामी भी कर रहे थे। सितंबर, 2024 से दिसंबर तक बैंकों के गोल्ड लोन में 50 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो समग्र ऋणों की वृद्धि से अधिक है। इस दौरान जांच करने पर आरबीआई को लोन के साथ सोने के मूल्यांकन में भी खामियां मिली थीं।