उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में एफडीआई करीब 43 फीसदी बढ़कर 13.6 अरब डॉलर रहा था। वहीं, अप्रैल-जून तिमाही में 47.8 फीसदी की वृद्धि रही थी और 16.17 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।
इन क्षेत्रों में वृद्धि
सेवाओं, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर-हार्डवेयर, व्यापार, दूरसंचार, वाहन और रसायन क्षेत्रों में अप्रैल-दिसंबर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ा है। सेवा क्षेत्र में एफडीआई बढ़कर 7.22 अरब डॉलर और गैर-परंपरागत ऊर्जा क्षेत्र में 3.5 अरब डॉलर रहा।
महाराष्ट्र सबसे आगे
पहले नौ महीने में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 16.65 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया। गुजरात 5.56 अरब डॉलर के साथ दूसरे और कर्नाटक 4.5 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने फरवरी में जुटाई 1.65 अरब डॉलर की फंडिंग
भारतीय स्टार्टअप कंपनियों ने फरवरी, 2025 में 1.65 अरब डॉलर (करीब14,418 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई है। यह आंकड़ा जनवरी के 1.38 अरब डॉलर से 19.5 फीसदी अधिक है। यह फंडिंग 8.32 करोड़ डॉलर के औसत मूल्यांकन पर मिली है। ट्रैक्सन के मुताबिक, नई फंडिंग के साथ 2024-25 (अप्रैल-फरवरी) में 2,200 दौर में कुल वित्तपोषण 25.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। पिछले महीने जुटाई गई कुल राशि फरवरी, 2024 2.06 अरब डॉलर के आंकड़े से कम है।
स्टार्टअप राजधानी बंगलूरू में उद्यमियों ने 35.3 करोड़ डॉलर की फंडिंग हासिल की है। औसतन एक दौर में 20 लाख डॉलर जुटाए गए। मुंबई के स्टार्टअप ने 10.2 करोड़ डॉलर वित्तपोषण हासिल किया। फिनटेक कंपनी ऑक्सीजो परंपरागत कर्ज मद में एक अरब डॉलर की फंडिंग जुटाकर इस मामले में सबसे आगे रही है।
किस देश से कितना सर्वाधिक निवेश
देश | एफडीआई (निवेश डॉलर में) |
सिंगापुर | 12 अरब |
यूएई | 4.14 अरब |
नीदरलैंड | 4.0 अरब |
अमेरिका | 3.73 अरब |
साइप्रस | 1.18 अरब |
केमैन आइलैंड | 29.6 करोड़ |