सतलुज दरिया में पानी का बहाव बढ़ने से एक कश्ती में आ रहे करीब 50 किसान बाल बाल बचे, अगर इनको रिस्क न किया जाता रेस्क्यू करके सुरक्षित बाहर न निकाला जाता तो पानी के तेज बहाव के साथ यह पाकिस्तान में चले जाने थे । प्राप्त जानकारी के अनुसार फिरोजपुर के कस्बा ममदोट के गांव गजनी वाला के किसानों की जमीन सतलुज दरिया के साथ लगती है जहां यह किसान बेड़े यां कश्ती में सवार होकर अपनी जमीनों में खेती करने के लिए जाते हैं और शाम के समय वापस लौटते हैं। खेतों में जाते समय यह किसान दोनों तरफ लगे एक रस्सी को पकड़ लेते हैं और सुरक्षित अपनी जमीनों में पहुंच जाते हैं। इससे कुछ दूरी पर ही दरिया का एक हिस्सा पाकिस्तान में चला जाता है।
जानकारी के अनुसार आज शाम जब यह किसाने एक बड़े बेड़े में बैठकर सवार होकर जब वापस आ रहे थे तो अचानक दरिया में पानी का बहाव तेज हो जाने से इनका हाथ रस्सी से छूट गया और यह डूबने लगे, जिनको आसपास के कुछ युवाओं ने देख लिया और उन्होंने छोटी कश्ती से रस्सी डालकर एक-एक करके इनको बड़ी मेहनत करके रेस्क्यू किया और सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
लोगों का मानना है कि अगर इनको सुरक्षित बाहर न निकाला जाता तो पानी के तेज बहाव के साथ इन किसानों ने सतलुज दरिया के पानी के तेज बहाव के साथ पाकिस्तान में बह जाना था, जहां से इनको लाना बहुत मुश्किल हो जाता