भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने देशभर के कई हिस्सों के लिए भारी से अत्यधिक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। आने वाले 7 दिनों तक देश के उत्तर, पूर्व और दक्षिण हिस्सों में मूसलाधार बारिश, आंधी-तूफान और तेज हवाओं का दौर जारी रहने की संभावना है। कई राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है। मौसम का यह विकराल रूप लोगों की दिनचर्या पर बड़ा असर डाल सकता है।
उत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ का खतरा
उत्तर भारत के राज्यों जैसे उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में तेज बारिश और बाढ़ की संभावना जताई गई है। उत्तराखंड में 12 से 16 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी है, खासकर 13 अगस्त को कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है, जिससे नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ने का खतरा है। हिमाचल प्रदेश में 12 से 14 अगस्त तक लगातार भारी बारिश का पूर्वानुमान है, जिसके कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर में 13 से 15 अगस्त के बीच मौसम खराब होने की संभावना है, जहां ऊपरी इलाकों में वर्षा और तूफान से जनजीवन प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी 13 से 15 अगस्त के बीच मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
फ्लैश फ्लड की चेतावनी
IMD ने उत्तराखंड के कई जिलों – देहरादून, नैनीताल, चंपावत, टिहरी गढ़वाल और उत्तरकाशी में अगले 24 घंटों के भीतर फ्लैश फ्लड यानी अचानक बाढ़ की चेतावनी दी है। वहीं, पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों जैसे असम, मेघालय और सिक्किम में भी इसी तरह की चेतावनी जारी की गई है।
पूर्वोत्तर भारत में झमाझम बारिश का सिलसिला
पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश का दौर जारी है और आने वाले दिनों में यह और तेज होने की संभावना है। अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय में 12 और 13 अगस्त को भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में गरज-चमक के साथ तेज हवाओं और बारिश का सिलसिला लगातार बना रहेगा। इन राज्यों के निचले इलाकों में जलभराव और भूस्खलन जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
दक्षिण भारत में तेज हवाएं और भारी बारिश
दक्षिण भारत भी इस बार मानसून के प्रकोप से अछूता नहीं रहेगा। कोस्टल आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में 14 से 16 अगस्त के बीच भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं, जिससे मौसम और भी ज्यादा उग्र हो सकता है। समुद्री इलाकों में लहरों की ऊंचाई बढ़ने की वजह से मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
भूस्खलन और बाढ़ से सतर्क रहें
लगातार बारिश और तेज हवाओं के कारण भूस्खलन, बिजली गिरने, पेड़ गिरने और यातायात बाधित होने जैसी घटनाएं बढ़ सकती हैं। प्रशासन की ओर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने, अनावश्यक यात्रा न करने और मौसम विभाग की ओर से जारी निर्देशों का पालन करने की अपील की गई है।