दुनिया के सबसे आधुनिक बताए जाने वाले अमेरिकी एफ-35बी स्टील्थ फाइटर जेट की एक और तकनीकी नाकामी सामने आई है। भारत में फंसने और लैंडिंग के वक्त क्रैश होने की घटनाओं के बाद अब यह ब्रिटिश जेट जापान में ‘अचेत’ हो गया। रविवार को तकनीकी खराबी के कारण इसे दक्षिण-पश्चिमी जापान के कागोशिमा एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। इस घटना ने न सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय सैन्य अभ्यास के बीच खलबली मचा दी, बल्कि चीन और रूस की मीडिया को ब्रिटिश व अमेरिकी सैन्य तकनीक पर तंज कसने का मौका भी दे दिया।
गौरतलब है कि इससे पहले 14 जून को भी HMS प्रिंस ऑफ वेल्स से उड़ान भर रहे एक ब्रिटिश एफ-35बी को हाइड्रोलिक खराबी के चलते भारत के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। मरम्मत में पांच हफ्ते से ज्यादा लग गए थे और ब्रिटिश उच्चायोग ने भारतीय सहयोग के लिए सार्वजनिक रूप से धन्यवाद दिया था। इस नई घटना पर रूस के सरकारी मीडिया Sputnik India ने सोशल मीडिया पर लिखा – “ब्रिटिश एफ-35 फिर से इमरजेंसी लैंडिंग… मानो इन्हें ट्रॉफी की तरह इकट्ठा कर रहे हों।”चीन के सरकारी अखबार Global Times ने कहा कि यह एफ-35बी की “बेहद जटिल प्रणालियों और कठिन मेंटेनेंस” का प्रमाण है। उन्होंने ब्रिटेन की नौसैनिक क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा कि “विदेशी बंदरगाहों पर हफ्तों तक फंसे रहने वाले जेट” ब्रिटिश रणनीतिक कमजोरियों को उजागर करते हैं और लंदन को “अमेरिकी हितों के लिए खुद को झोंकने” की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।जापानी एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना रविवार सुबह लगभग 11:30 बजे (स्थानीय समय) हुई। आपात लैंडिंग के बाद रनवे करीब 20 मिनट के लिए बंद रहा, जिससे कई व्यावसायिक उड़ानों में देरी हुई। राहत की बात है कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। जेट रॉयल नेवी के एयरक्राफ्ट कैरियर HMS प्रिंस ऑफ वेल्स* से ऑपरेट हो रहा था, जो अप्रैल से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात है और कई देशों के बंदरगाहों का दौरा कर चुका है।यह हादसा ऐसे समय हुआ जब ब्रिटेन, जापान की समुद्री आत्मरक्षा बल और अमेरिकी सेना के साथ 4 अगस्त से शुरू हुए संयुक्त अभ्यास में शामिल है। इस अभ्यास के लिए ब्रिटेन ने पश्चिमी प्रशांत में अपना एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भेजा है।