लगातार कई महीनों तक भारतीय शेयर बाजार से पैसे निकालने के बाद विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में जोरदार वापसी की है। मार्च 2025 तक बिकवाली के बाद, जून तिमाही में एफआईआई ने भारतीय इक्विटी बाजार में ₹38,668 करोड़ का शुद्ध निवेश किया। हालांकि, बॉन्ड मार्केट से उन्होंने इस दौरान बड़ी निकासी की।
एफआईआई की दिलचस्पी के पीछे क्या है कारण?
विशेषज्ञों का मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद भारत की आर्थिक मजबूती, एफआईआई को दोबारा आकर्षित करने में सफल रही। इस अवधि में विदेशी निवेशकों ने चुनिंदा सेक्टर्स और कंपनियों में आक्रामक रूप से निवेश किया।
एंबेसी डेवलपमेंट्स लिमिटेड (Embassy Developments Ltd.)
रियल एस्टेट सेक्टर की इस दिग्गज कंपनी में एफआईआई की हिस्सेदारी जून तिमाही में 12.20% बढ़कर 28.13% तक पहुंच गई।
निवेश की वजहें
- ₹48,000 करोड़ के अपकमिंग प्रोजेक्ट्स
- FY26 तक ₹22,000 करोड़ का लॉन्च टारगेट
- ग्लोबल सेमीकंडक्टर फर्म से ₹1,125 करोड़ की डील
एडवांस्ड एंजाइम टेक्नोलॉजीज लिमिटेड
भारत की अग्रणी एंजाइम मैन्युफैक्चरिंग कंपनी में एफआईआई हिस्सेदारी में 11.55% की बढ़त दर्ज की गई, जो अब 23.45% हो गई है।
निवेश की वजहें
- 45+ देशों में कारोबार
- ₹3,461 करोड़ का संभावित न्यूट्रिशन मार्केट
- प्रोबायोटिक्स और बायोकैटलिस्ट सेगमेंट में मजबूत पकड़
- इंडस्ट्री में ऊंचा एंट्री बैरियर
जिंका लॉजिस्टिक्स सॉल्यूशंस लिमिटेड
भारत के सबसे बड़े डिजिटल ट्रकिंग प्लेटफॉर्म में एफआईआई हिस्सेदारी में 8.93% का इजाफा हुआ, जो अब 20.52% तक पहुंच चुकी है।
निवेश की वजहें
- PPI लाइसेंस की मंजूरी
- ICAT सर्टिफाइड नया हार्डवेयर
- डिजिटल सप्लाई चेन सॉल्यूशंस
- टेलीमैटिक्स, फाइनेंसिंग और FASTag सेवाओं का विस्तार