केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया और रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने करगिल विजय दिवस के मौके पर करगिल युद्ध स्मारक पर पुष्प अर्पित करके वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी। लद्दाख के उपराज्यपाल कवींद्र गुप्ता ने भी करगिल युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की जबकि सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सशस्त्र बलों के अन्य शीर्ष अधिकारियों के नेतृत्व में पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले 545 सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। शहीदों के परिजन और स्थानीय निवासी सुबह 6 बजे से ही युद्ध स्मारक पर पहुंचने लगे और उन्होंने सबसे पहले श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद हेलीकॉप्टर से स्मारक के ऊपर पुष्पवर्षा की गई।
करगिल युद्ध के शहीदों के सम्मान में एक समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान युद्ध स्मारक पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। करगिल विजय दिवस भारत के अद्वितीय वीर सैनिकों की बहादुरी की याद दिलाता है। हर साल 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस मनाया जाता है। साल 1999 में इसी दिन भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता की घोषणा की थी। उस समय लद्दाख के करगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों से तीन महीने तक चले संघर्ष के बाद भारत को जीत हासिल हुई थी। इस युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों ने द्रास, करगिल और बटालिक सेक्टरों में कठिन मौसमी स्थिति होने के बावजूद सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में युद्ध लड़ा और जीत हासिल की।