मोबाइल और इंटरनेट ने जहां लोगों का जीवन आसान बनाया है, वहीं इसका नकारात्मक असर भी युवाओं पर साफ दिख रहा है। सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अडल्ट कंटेंट की भरमार ने युवाओं को बुरी आदतों की ओर धकेल दिया है। प्रेमानंद महाराज के पास भी एक युवक ऐसा ही समस्या लेकर पहुंचा।
युवक ने महाराज को प्रणाम कर कहा- “महाराज जी, मैं हस्तमैथुन और अश्लील फिल्में देखने की आदत से छुटकारा नहीं पा रहा हूं। छह-सात साल से इलाज भी करवा रहा हूं, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। मैं बहुत निराश हूं। क्या मेरा जीवन अब बर्बाद हो गया है?”
महाराज ने बड़े धैर्य से युवक की बात सुनी और कहा –
“तुम्हें कुछ छोड़ने की ज़रूरत नहीं, बल्कि ये सोच छोड़ दो कि तुम गलत हो। तुम भगवान के अंश हो, तुम कभी विकारी नहीं हो सकते। असली भूल ये है कि तुमने शरीर और मन को ही ‘मैं’ मान लिया।”
उन्होंने श्रीरामचरितमानस का दोहा सुनाते हुए समझाया –
“ईश्वर अंश जीव अविनाशी, चेतन अमल सहज सुख रासी।”
महाराज ने कहा कि इंसान का असली स्वरूप निर्मल है, विकार तो सिर्फ मन में हैं।
संत प्रेमानंद ने युवक को उपाय देते हुए कहा –
“रोज राधा नाम का जप करो, विचार आएं तो आने दो, उन्हें दबाओ मत। एक महीने भी अगर सच्चे मन से राधा नाम लिया तो मन शुद्ध हो जाएगा और बुरी आदतें खुद ही छूट जाएंगी। नाम जपने से ही आंतरिक शक्ति जागती है और प्रसन्नता लौटती है।” उन्होंने यह भी कहा कि संकल्प लो और अपने हाथों को नियंत्रण में रखो। प्रयास और भगवान की कृपा तुम्हें खुद उठा लेगी।