उदयपुर के बेदला स्थित पैसिफिक डेंटल कॉलेज में बीडीएस अंतिम वर्ष की छात्रा श्वेता सिंह ने गुरुवार देर रात (24 जुलाई) अपने हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। श्वेता को उनकी रूममेट ने रात करीब 11 बजे कमरे में लटका हुआ पाया, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। श्वेता के कमरे से मिले सुसाइड नोट में कॉलेज प्रशासन और दो संकाय सदस्यों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसके बाद कॉलेज विवादों में घिर गया है और छात्रों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
छात्रों का उग्र विरोध प्रदर्शन
शुक्रवार सुबह श्वेता की आत्महत्या की खबर फैलते ही कॉलेज परिसर में छात्रों ने अपनी मृत सहपाठी के लिए न्याय की मांग को लेकर उग्र विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन के लगातार दबाव, पढ़ाई में देरी और मानसिक प्रताड़ना के कारण श्वेता ने यह आत्मघाती कदम उठाया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने दावा किया कि कॉलेज प्रशासन अब उन पर विरोध प्रदर्शन खत्म करने का दबाव बना रहा है। सूचना मिलते ही सुखेर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और छात्रों को शांत करने का प्रयास कर रही है।
सुसाइड नोट में चौंकाने वाले खुलासे
श्वेता सिंह ने अपने सुसाइड नोट में दो संकाय सदस्यों माही मैम और भागवत सरपर दो साल से अधिक समय तक मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया। उन्होंने कॉलेज में गंभीर शैक्षणिक कुप्रबंधन, परीक्षाओं में देरी और डिग्री पूरी होने की अनिश्चितता पर गहरी निराशा जताई। श्वेता ने लिखा कि अंतिम वर्ष की छात्रा होने के बावजूद उन्हें जूनियर छात्रों के साथ आंतरिक परीक्षा देने के लिए मजबूर किया गया। इसके अलावा, उन्होंने कॉलेज पर उन छात्रों को पास करने का आरोप लगाया, जो कक्षाओं में उपस्थित ही नहीं हुए। श्वेता ने अपने नोट में लिखा, “हमारे बैचमेट बहुत पहले ही इंटर्न बन गए थे, उन्हें 2-3 महीने से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन हम अभी भी अंतिम वर्ष में फंसे हुए हैं।
उन्होंने कहा था कि दो महीने में परीक्षाएं पूरी हो जाएंगी, लेकिन दो साल से ज्यादा हो गए। भगवान ही जाने हमें अपनी डिग्री कब मिलेगी।” उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने मेरा करियर बर्बाद कर दिया। मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती। वे पैसों के लिए बच्चों को प्रताड़ित करते हैं। अगर पैसे दोगे तो पास हो जाओगे, नहीं तो खून चूस लेंगे।” श्वेता ने नोट में न्याय की गुहार लगाते हुए लिखा, “अगर भारत में न्याय है, तो कृपया सुनिश्चित करें कि भागवत सर को हमेशा के लिए जेल भेज दिया जाए। उन्हें वही यातनाएं झेलनी चाहिए जो वे छात्रों पर ढाते हैं।”
पुलिस ने शुरू की जांच
श्वेता सिंह जम्मू की रहने वाली थीं और एक पुलिस कांस्टेबल की इकलौती बेटी थीं। उनकी अचानक मृत्यु ने उनके परिवार और सहपाठियों को गहरे सदमे में डाल दिया है। सुखेर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संकाय सदस्यों से पूछताछ के साथ-साथ कॉलेज के प्रशासनिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने अभी तक किसी औपचारिक आरोप की पुष्टि नहीं की है, लेकिन उन्होंने कहा है कि संस्थागत लापरवाही सहित सभी पहलुओं की गहन जांच की जाएगी।
विवादों में कॉलेज प्रशासन
श्वेता के सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों ने पैसिफिक डेंटल कॉलेज के प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों का कहना है कि कॉलेज में शैक्षणिक अनियमितताएं और मानसिक दबाव की घटनाएं आम हैं, जिसके खिलाफ वे लंबे समय से आवाज उठाते रहे हैं। इस घटना ने न केवल कॉलेज की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और दबाव को लेकर व्यापक चर्चा को भी जन्म दिया है।पुलिस और प्रशासन से इस मामले में पारदर्शी जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है। फिलहाल, कॉलेज परिसर में तनाव बना हुआ है और छात्र अपनी मृत सहपाठी के लिए न्याय की मांग को लेकर डटे हुए हैं।