अब अगर आपको अपने मोबाइल या किसी डिजिटल डिवाइस में वायरस, हैकिंग या संदिग्ध फाइल्स का शक है, तो आप इसे मुफ्त में जांच सकते हैं – वो भी सिर्फ 1 मिनट में। पुलिस कमिश्नर कार्यालय, जालंधर में मंगलवार को एक खास साइबर कियोस्क मशीन की शुरुआत की गई। इस पहल का मकसद नागरिकों को साइबर खतरों से बचाना है। इस इंडिजीनियस और यूज़र फ्रेंडली मशीन की खासियत यह है कि यह किसी भी मोबाइल या डिवाइस में मौजूद हानिकारक, संदिग्ध या जासूसी फाइलों की पहचान कर उन्हें तुरंत डिलीट कर देती है।
जांच का समय
हर दिन सुबह 10 से शाम 5 बजे तक
फ्री सेवा, किसी प्रकार का शुल्क नहीं
विशेषज्ञों की निगरानी में चल रही इस सेवा का उद्घाटन डीजीपी (तकनीकी सेवाएं) सुमेध राम सिंह ने किया। इस मौके पर अन्य सीनियर पुलिस अफसर भी मौजूद रहे। डीजीपी सुमेध सिंह ने बताया कि यह मशीन यूज़र्स को बिना इंटरनेट के भी सुरक्षित स्कैनिंग की सुविधा देती है और मिनटों में रिपोर्ट देती है। मशीन वायरस, ट्रोजन, स्पाइवेयर और मालवेयर को पहचानती है।
जागरूकता अभियान भी चला
इस दौरान साइबर सुरक्षा को लेकर संपूर्ण पंजाब में जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे साइबर अपराधों से बचने के लिए इस तरह की सेवाओं का लाभ जरूर उठाएं।
क्या करें नागरिक?
अपने स्मार्टफोन या टैबलेट को साथ लेकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय जाएं
मशीन में प्लग करें और 1 मिनट में रिपोर्ट पाएं
कोई शुल्क नहीं, पहचान या जानकारी की आवश्यकता नहीं