नेशनल डेस्क: ट्रेन यात्रा के दौरान कई बार ऐसा होता है कि आपने स्लीपर क्लास में टिकट बुक कराया होता है, लेकिन आपको अचानक AC3 या उससे भी ऊंची क्लास में बर्थ मिल जाती है। ऐसे में कई यात्रियों को खुशी के साथ-साथ चिंता भी होती है कि कहीं इसके लिए उन्हें अतिरिक्त भुगतान तो नहीं करना पड़ेगा। इस बार रेलवे ने इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए एक खास योजना लागू की है, जिसका नाम है – ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम।
रेलवे की यह स्कीम ट्रेन के खाली पड़े ऊपरी क्लास कोचों (जैसे AC1, AC2) का सदुपयोग करने के लिए बनाई गई है। महंगी किराया होने की वजह से कई बार ये कोच खाली रह जाते हैं, जिससे रेलवे को नुकसान होता है। इस समस्या को कम करने के लिए रेलवे अब इन खाली सीटों को निचली क्लास के यात्रियों को बिना अतिरिक्त चार्ज के अपग्रेड कर देता है।
ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम कैसे काम करती है?
मान लीजिए एक ट्रेन में फर्स्ट एसी (AC1) में चार सीट खाली हैं और सेकंड एसी (AC2) में दो सीटें खाली हैं। रेलवे सेकंड एसी के कुछ यात्रियों को फर्स्ट एसी में शिफ्ट कर देगा और फिर थर्ड एसी (AC3) के कुछ यात्रियों को सेकंड एसी में अपग्रेड कर देगा। इसी तरह, थर्ड एसी में खाली सीटें वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को दी जाएंगी। इस व्यवस्था से ट्रेन के सभी कोच बेहतर तरीके से भरे रहते हैं।
टिकट बुकिंग के समय क्या करें?
IRCTC टिकट बुकिंग के दौरान आपसे पूछता है कि क्या आप ऑटो अपग्रेडेशन के लिए तैयार हैं। अगर आप ‘हाँ’ चुनते हैं, तो आपकी टिकट अपग्रेड हो सकती है। अगर ‘नहीं’ चुनते हैं, तो टिकट वैसे का वैसा ही रहेगा। ध्यान दें कि यदि आप विकल्प नहीं चुनते हैं, तो इसे हां माना जाएगा।
अपग्रेडेड टिकट की अन्य जानकारियां:-
– टिकट अपग्रेड होने पर आपका PNR नंबर नहीं बदलता।
– आप अपनी यात्रा की सारी जानकारी उसी मूल PNR से प्राप्त कर सकते हैं।
– यदि आप अपग्रेड होने के बाद टिकट कैंसिल करते हैं, तो रिफंड आपके मूल टिकट के आधार पर होगा, न कि अपग्रेडेड क्लास के अनुसार।
– इस तरह रेलवे की यह स्कीम यात्रियों के लिए सुविधा और रेलवे के लिए कुशल संसाधन प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण है।