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मधुबनी
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद विदेश भेजे गए भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में से एक का नेतृत्व जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सह राज्यसभा सदस्य संजय झा ने किया।
वे सात सदस्यीय दल लेकर जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, मलेशिया और इंडोनेशिया गए। वहां से लौटने के बाद बातचीत में उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम देशों ने आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘न्यू नार्मल’ पालिसी को समझा है।
उन्हें बताया गया कि कैसे धर्म के आधार पर अलग कर पहलगाम में नागरिकों को बेरहमी से मारा गया। इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भारत छद्म युद्ध और परमाणु धमकी बर्दाश्त नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि विदेशी प्रतिनिधियों को बताया गया कि पाकिस्तान के सैन्य प्रमुख आसिम मुनीर कैसे पहले भारत विरोधी बयान देते हैं और फिर पहलगाम में हमला होता है।
जिन देशों में वे गए सभी ने भारत के पक्ष को गंभीरता से लिया। इनमें इंडोनेशिया सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस उद्देश्य से अलग-अलग देशों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल को भेजा था, वह पूरी तरह सफल है।
मुस्लिम देशों के संगठन आइओसी (इस्लामिक सहयोग संगठन) के सदस्य इंडोनेशिया और मलेशिया ने भरोसा दिलाया कि भारत के पक्ष को संगठन के मंच पर रखा जाएगा। इंडोनेशिया के नेताओं ने इस पूरे प्रकरण की निंदा की।
तथ्यों के साथ किया गया संतुष्ट
संजय झा ने बताया कि विदेश में पहलगाम हमले के सबूत से लेकर सीजफायर होने तक के सवाल किए गए। भारतीय दल ने मजबूती से तथ्यों के साथ संतुष्ट किया।
सिंधु जल समझौते पर भी सवाल किए गए। साफतौर पर बताया गया कि यह संभव नहीं है कि खून और पानी एक साथ बहेगा।
1960 में किया गया यह समझौता भारत के हित में कभी नहीं रहा। सभी पांच देशों ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई और भारत के आतंकवाद के खिलाफ की गई कार्रवाई का समर्थन किया।
अमेरिका में अपने देश के प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व के दौरान पाकिस्तानी विदेश मंत्री का सबूत के तौर पर सादा कागज दिखाते हुए यह कहना कि उनके पास दिखाने के लिए कोई स्लाइड नहीं है, इस पर संजय झा ने कहा कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री जोकर हैं।
वहां के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुद स्वीकार किया है कि 30 वर्षों से उसका देश डर्टी वर्क कर रहा है। वहां के सेनाध्यक्ष ने भी पहलगाम घटना से एक सप्ताह पूर्व घृणास्पद बयान दिया था।
यह सभी बयान स्वत: सिद्ध करता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को संरक्षित करता है तथा भारत में घृणा पैदा कराना चाहता है।
ट्रंप के युद्ध रुकवाने को लेकर गलत बयानबाजी कर रहे राहुल
राहुल गांधी का वह बयान कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कह रहे कि उन्होंने ही युद्ध रोकवाया है और प्रधानमंत्री चुप हैं।
इस पर जदयू नेता ने कहा कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन कर हमला रोकने का आग्रह किया, इसके बाद सीजफायर किया गया। राहुल गांधी गलत बयानबाजी कर रहे हैं।
वे देश की जनता का अपमान कर रहे हैं। राहुल गांधी के चुनाव आयोग पर सवाल उठाने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस को जनता नहीं चुन रही तो कुछ भी बोलते रहेंगे।
बिहार में विधानसभा चुनाव में एनडीए में सीटों के बंटवारे व चिराग पासवान को लेकर रुख के सवाल पर कहा कि एनडीए मजबूत है।