बता दें कि दोनों नेताओं पर आप सरकार के समय स्कूलों में हर क्लासरूम के निर्माण में पांच गुना अधिक भुगतान करने का आरोप है। एसीबी के मुताबिक, 1,200 रुपये स्क्वायर फीट की दर से सेमी परमानेंट स्ट्रक्चर के रूप में क्लासरूम का निर्माण किया गया, जबकि 2,100-2200 रुपये स्क्वायर फीट की दर से परमानेंट स्ट्रक्चर का बिल का भुगतान किया गया। सभी बिल पर सिसोदिया के दस्तखत हैं।

मनीष सिसोदिया सोमवार को एसीबी की 2000 करोड़ के क्लासरूम घोटाले की जांच में शामिल नहीं होंगे। एसीबी ने उन्हें 9 जून को पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन उनके वकील ने बताया कि वे व्यस्त हैं। एसीबी चीफ मधुर वर्मा ने कहा कि सिसोदिया ने अभी तक जांच में शामिल न होने का कारण नहीं बताया है। उन्हें जल्द ही दोबारा नोटिस भेजा जाएगा।