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वाराणसी
रिंग रोड फेज दो के तीसरे चरण की परियोजना को इसी सप्ताह जनता के हवाले किया गया है। करीब सात साल के लंबे इंतजार के बाद वाहनों को चंदौली जाने
के लिए नई राह मिली है। करीब दो वर्ष बाद गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर व नेपाल से आने वाले वाहनों को चंदौली के रास्ते बिहार और बंगाल जाने के लिए बनारस के रिंग रोड पर भी नहीं आना होगा। गाजीपुर से जमानिया होते हुए सैयदराजा तक नई ग्रीनफील्ड फोरलेन सड़क को स्वीकृति
मिली है। यह परियोजना निश्चित रूप से रिंग रोड और बनारस शहर में वाहनों का लोड खत्म करेगी। गाजीपुर से जमानिया होते हुए सैयदराजा (चंदौली) तक वर्तमान सड़क सात मीटर चौड़ी है, अत्यधिक ट्रैफिक की वजह से सड़क पर जाम की समस्या गंभीर है।
एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने 42 किलोमीटर लंबे नए ग्रीनफील्ड हाईवे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू की है। 2900 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है, इसमें 1684 करोड़ से सड़क बनेगी जबकि बाकी धनराशि जमीन खरीदने में खर्च होगी। करीब 260 हेक्टेयर भूखंड खरीदनी होगी, 30 से अधिक गांवों के किसान प्रभावित होंगे। डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) बनाने का कार्य शुरू हो चुका है।
कहां कितनी जमीन खरीदेंगे
- 152.22 हेक्टेयर चंदौली
- 109.42 हेक्टेयर गाजीपुर
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे चंदौली के चार गांव
वाराणसी-रांची-काेलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के पहले चरण से चंदौली के चार गांवों को जोड़ने की सहमति बनी है, उनके लिए नई सर्विस रोड बनाई जाएगी। सर्वे शुरू करने के आदेश हुए हैं। चंदौली में दो नदियां चंद्रप्रभा और गरई के आसपास बसे चार गांव बहेरा, खुरहुजा, चनहाटा और सिकंदरपुर में काफी वक्त से ग्रामीण सर्विस लेन बनाने की मांग कर रहे हैं।
वह प्रकरण को लेकर आंदोलित हैं। वह चाहते हैं कि उनका गांव सीधे तौर पर एक्सप्रेसवे से जुड़े क्योंकि यह सभी गांव वर्षों से बाढ़ की त्रासदी झेलने को विवश हैं।