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गोरखपुर
पूर्वोत्तर रेलवे ने कश्मीर की वादियों में ट्रेन चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता और बर्फीली पहाड़ियों का अनुभव करना अब और भी आसान हो जाएगा। कश्मीर की यात्रा न केवल आरामदायक होगी, बल्कि समय की भी बचत करेगी।
श्रद्धालुओं के लिए अमरनाथ की यात्रा भी सुगम हो जाएगी। श्रद्धालु जम्मू और कटरा नहीं रेलमार्ग से सीधे अनंतनाग तक पहुंच सकेंगे, जहां से बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहाड़ों पर चढ़ाई आरंभ होती है। आने वाले दिनों में कटरा- बनिहाल 111 किलोमीटर रेलमार्ग पूर्वोत्तर रेलवे को भी जोड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छह जून को कटरा-बनिहाल रेलमार्ग का उद्घाटन व श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर के मध्य वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद मुख्यालय गोरखपुर के अलावा लखनऊ और वाराणसी मंडल से भी श्रीनगर, अनंतनाग और बनिहाल तक ट्रेनों के संचालन का रास्ता साफ हो गया है।
गोरखपुर से प्रत्येक सोमवार को 12587 नंबर की अमरनाथ एक्सप्रेस चलती है। ट्रेन का नाम तो अमरनाथ है, लेकिन यह जम्मूतवी तक ही जाती है। रेलवे बोर्ड ने इस ट्रेन को उत्तर रेलवे के अधीन कर दिया है। इसके अलावा गोरखपुर के रास्ते बिहार के विभिन्न स्टेशनों से प्रतिदिन जम्मू तक एक ट्रेन रवाना होती है, जिसमें श्रीमाता वैष्णव देवी कटरा- कामाख्या-कटरा एक्सप्रेस भी शामिल है।
दरअसल, पूर्वांचल से हजारों की संख्या में श्रद्धालु रेलमार्ग से वर्ष पर्यंत मां वैष्णव देवी का दर्शन करने जम्मू और कटरा जाते हैं।
हर वर्ष जुलाई और अगस्त में अमरनाथ की यात्रा पर निकलते हैं, लेकिन रेलमार्ग से वे जम्मू या कटरा तक ही पहुंच पाते हैं। आगे की यात्रा सड़क मार्ग से पूरी होती है। अब कटरा- बनिहाल रेलमार्ग खुल जाने से इन ट्रेनों का मार्ग विस्तार तो होगा ही, नई ट्रेनों का भी उपहार मिलेगा। जल्द ही पूर्वोत्तर रेलवे से ट्रेनों के मार्ग विस्तार का प्रस्ताव बोर्ड व अन्य जोन को भेजा जाएगा।
पहाडों को काटकर तैयार हुआ कटरा-बनिहाल रेलमार्ग
रेलवे ने पहाड़ों को काटकर कटरा- बनिहाल रेलमार्ग तैयार किया है। इस रेलमार्ग पर जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज बना है। नदी के तल से इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर यानी 1178 फीट है। यह एक आर्क ब्रिज है और एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा है। दुर्गम पहाड़ियों के बीच स्थित ब्रिज भारतीय रेलवे इंजीनियरों का अद्भुत प्रयोग है।
25 से 26 घंटे में पूरी हो जाएगी श्रीनगर तक की यात्रा
पूर्वांचल के लोगों को श्रीनगर तक की सीधी ट्रेन मिल जाएगी। गोरखपुर से ट्रेन से 25 से 26 घंटे में श्रीनगर पहुंच जाएंगे। जम्मू से श्रीनगर तक की यात्रा महज तीन घंटे में पूरी हो जाएगी। गोरखपुर से जम्मू तक की यात्रा में 21 से 24 घंटे लग जाते हैं। जम्मू से सड़क मार्ग से श्रीनगर जाने में 10 से 12 घंटे लग जाते हैं। यानी, गोरखपुर से श्रीनगर तक पहुंचने में ही 34 से 35 घंटे लग जाते हैं