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नई दिल्ली
Google की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि गूगल 2026 तक अपनी इंजीनियरिंग टीम को बढ़ाएगा। ये बयान AI से नौकरी छिनने की चिंताओं को खारिज करता है। ब्लूमबर्ग टेक कॉन्फ्रेंस में पिचाई ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ‘एक्सेलेरेटर’ है, न कि ह्यूमन टैलेंट का रिप्लेसमेंट। इससे कंपनी को उभरते टेक्नोलॉजी सेक्टर में ज्यादा अवसरों का फायदा उठाने में मदद मिलेगी।
पिचाई ने ब्लूमबर्ग को बताया, ‘हम अगले साल तक अपनी मौजूदा इंजीनियरिंग टीम को बढ़ाएंगे, क्योंकि ये हमें अवसरों का ज्यादा इस्तेमाल करने की अनुमति देता है।’ पिचाई का ये कमिटमेंट ऐसे समय पर आया है जब अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी राइवल टेक कंपनियां इस साल हजारों नौकरियां काट रही हैं ताकि AI में भारी निवेश कर सकें। इससे इंडस्ट्री में टेक्नोलॉजी से नौकरियों के खत्म होने का डर बढ़ गया है।
‘AI इंजीनियरों को प्रोडक्टिव बनाता है’
सुंदर पिचाई ने गूगल के अप्रोच को दूसरी कंपनियों से अलग बताया, जो AI को लागत कम करने का टूल मानती हैं। उन्होंने कहा कि AI नौकरियों को खत्म नहीं करता, बल्कि रेगुलर कामों को संभालकर इंजीनियरों की प्रोडक्टिविटी बढ़ाता है। इससे ह्यूमन टैलेंट को इनोवेशन के लिए समय मिलता है। यही गूगल की हायरिंग स्ट्रैटेजी का आधार है, जो AI डेवलपमेंट में अरबों निवेश के बावजूद जारी है।
पिचाई ने Waymo ऑटोनॉमस व्हीकल्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और YouTube की ग्लोबल ग्रोथ जैसे वेंचर्स को इनोवेशन के अवसरों का सबूत बताया, जिनमें ह्यूमन एक्सपर्टिज की जरूरत होगी। उन्होंने भारत में YouTube की स्केल का जिक्र किया, जहां अब 100 मिलियन चैनल हैं, जिनमें 15,000 चैनल के पास एक मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। इस तरह के ग्रोथ को सपोर्ट देने के लिए इंजीनियरिंग टैलेंट के ऑनगोइंग डिमांड को दिखाता है।
AI की लिमिटेशन्स
AI की संभावनाओं पर आशावादी होने के बावजूद, पिचाई ने इसकी मौजूदा सीमाओं को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि AI मॉडल्स कोडिंग में बेहतर हैं, लेकिन बेसिक गलतियां करते हैं। आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) के बारे में अनिश्चितता जताते हुए उन्होंने कहा, ‘क्या हम AGI की ओर निश्चित रूप से बढ़ रहे हैं? मुझे नहीं लगता कि कोई निश्चित जवाब दे सकता है।’