पतंजलि आयुर्वेद का उद्देश्य है कि देश में ज्यादा से ज्यादा किसान आर्गेनिक फार्मिंग को अपनाएं जिससे न सिर्फ उनकी फसल अच्छी होगी बल्कि सबके स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होगी। पतंजलि बायो-रिसर्च इंस्टिट्यूट के माध्यम से किसानों को रसायन-मुक्त खेती के लिए प्रेरित करता है। अब तक कई हज़ार हेक्टेयर भूमि पर पतंजलि की सहायता से ऑर्गेनिक खेती की जा रही है जो न सिर्फ हमारे पर्यावरण की रक्षा करती है, बल्कि किसानों की आमदनी भी बढ़ा रही है।

स्वास्थ्य सेवाओं की आसान पहुंच

पतंजलि आयुर्वेद का नारा है- ‘प्रकृति का आशीर्वाद’, जो ब्रांड की सोच और कार्यशैली को दर्शाता है। ग्रामीण भारत को सशक्त और स्वस्थ बनाने के लिए पतंजलि ने देशभर में आरोग्य केंद्र और चिकित्सालय खोले हैं, जहां ग्रामीणों को बहुत कम कीमत में या मुफ्त में आयुर्वेदिक उपचार और दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं। Journal of Traditional and Complementary Medicine में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, पतंजलि की इस पहल से देश के ग्रामीण इलाकों में लोग समय रहते बीमारी की पहचान कर इलाज करवा पा रहे हैं। इससे न सिर्फ उनके लिए इलाज सस्ता हुआ है, बल्कि शहर के महंगे हॉस्पिटल में बार-बार लगने वाले चक्करों से भी निजात मिली है ।

पतंजलि की सामाजिक पहलें केवल CSR तक सीमित नहीं, बल्कि यह देश में बदलाव लाने का एक मिशन है। इससे गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता के नए रास्ते खुले हैं, जो भारत को अंदर से मजबूत बनाने के लिए सराहनीय पहल है।