मनसे प्रमुख ने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसी कोई योजना नहीं है, लेकिन अगर ऐसा कुछ होता है, तो महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा शुरू किए जाने वाले आंदोलन के लिए सरकार जिम्मेदार होगी । देश के कई राज्यों ने पहली कक्षा से ही दो भाषाओं को अपनाया है और हिंदी को थोपने को अस्वीकार किया है, इसका कारण उनकी भाषाई पहचान है।

राज ठाकरे ने कही ये बात

राज ठाकरे ने राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री दादाजी भुसे को संबोधित करते हुए कहा कि आपके साथी कैबिनेट सदस्य भी जन्म से मराठी हैं, आप हिंदी का विरोध करने वाले अन्य राज्यों के नेताओं की तरह कब काम करेंगे और कब अपनी भाषा की पहचान की रक्षा करेंगे और उसका पोषण कैसे करेंगे?

आगे बोले कि हम उम्मीद करते हैं कि सरकार उन अन्य राज्यों की तरह ही पहचान की भावना दिखाएगी। बता दें कि पिछले करीब दो महीने से महाराष्ट्र में पहली कक्षा से हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू करने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।